Joginder Sharma: भारतीय क्रिकेट टीम को पहला टी20 विश्वकप जिताने वाले तेज गेंदबाज जोगिंदर शर्मा ने क्रिकेट से संन्यास ले लिया है। 3 फरवरी को जोगिंदर शर्मा ने ट्वीट करते हुए क्रिकेट के सभी प्रारूपों से संन्यास की घोषणा की है। 39 साल के जोगिंदर शर्मा लंबे समय से अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट से दूर थे। उन्होंने 2007 में ही अपना आखिरी अंतरराष्ट्रीय मैच खेला था।
साल 2007 में खेले गए पहले टी20 विश्वकप में जोगिंदर कप्तान महेंद्र सिंह धोनी के मुख्य हथियारों में से एक रहे थे। उन्होंने फाइनल मुकाबले में अंतिम ओवर डालकर टीम इंडिया को मैच जिताया था और पाकिस्तान के सपने को चकनाचूर कर दिया था। जोगिंदर शर्मा फिलहाल हरियाणा पुलिस में डीएसपी पद पर तैनात हैं।
संन्यास लेते वक्त क्या बोले जोगिंदर शर्मा
संन्यास का ऐलान करते हुए जोगिंदर ने लिखा कि 'मैं इंटरनेशनल और घरेलू क्रिकेट के सभी फॉर्मेट से संन्यास ले रहा हूं। मेरा करियर 2002 में शुरू हुआ था और 2017 तक मैंने हर पल को शानदार अंदाज में जिया। मैं बीसीसीआई, हरियाणा, चेन्नई सुपर किंग्स और हरियाणा सरकार का तहे दिल से शुक्रिया अदा करता हूं। टीम में साथी क्रिकेटरों, सपोर्ट स्टाफ और फैंस के बिना यह सफर अधूरा है। सभी के अनकंडिशनल प्यार के लिए शुक्रिया कहता हूं।
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जोगिंदर शर्मा का क्रिकेट करियर
जोगिंदर शर्मा हरियाणा के रोहतक से आते हैं। उन्होंने भारत के लिए 4 वनडे और 4 ही टी-20 मैच खेले हैं। वनडे में उन्होंने साल 2004 में डेब्यू किया था, जबकि 2007 में आखिरी वनडे मैच खेला था। 4 वनडे में जोगिंदर ने 1 विकेट लिया, जबकि 4 टी20 में उनके नाम 4 विकेट हैं। उन्होंने आईपीएल के 16 मैच में 12 विकेट लिए हैं।
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2007 के फाइनल मुकाबले में छागए थे जोरिंदर शर्मा
साल 2007 में खेले गए पहले टी20 विश्वकप के फाइनल मैच में जोगिंदर शर्मा छा गए थे। उस मैच में पाकिस्तान को जीत के लिए आखिरी ओवर में 13 रनों की जरूरत थी और मैदान पर पाकिस्तान के विस्फोटक बल्लेबाज मिसबाह गजब की बैटिंग कर रहे थे। हर कोई खौफ में था, इसी बीच अंतिम ओवर के लिए कप्तान एमएस धोनी ने वर्ल्ड क्रिकेट के लिए अंजान जोगिंदर शर्मा को गेंद पकड़ा दी। धोनी का ये पैंतरा काम कर गया और जोगिंदर शर्मा ने इस ओवर की तीसरी गेंद पर मिसबाह को श्रीसंत के हाथों कैच आउट कराते हुए भारत को विश्व विजेता बना दिया। इसके बाद वह रातों-रात स्टार बन गए थे।
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