India vs England 2nd Test: भारत और इंग्लैंड सीरीज का दूसरा मुकाबला विशाखापट्टनम में खेला जा रहा है। भारत की तरफ से सलामी बल्लेबाज यशस्वी जायसवाल ने इंग्लैंड के अनुभवी गेंदबाजों के खिलाफ पहली ही पारी में शतक ठोक दिया है और वह अपने दोहरे शतक की ओर बढ़ रहे हैं। अगर यशस्वी ऐसे ही बल्लेबाजी करते रहे हैं तो वह जल्द ही अपने करियर का पहला दोहरा शतक ठोक देंगे।
लेकिन सबसे बड़ा सवाल यह उठ रहा है कि यशस्वी जायसवाल अपनी बल्लेबाजी में ऐसी कौन सी तकनीक का उपयोग कर रहे हैं। जिसकी वजह से वह इंग्लैंड के खिलाफ इतने रन बना पा रहे हैं। वहीं भारत के दूसरे बल्लेबाज उन्ही गेंदबाजों के सामने एक-एक रन बनाने के लिए जूझ रहे हैं। चलिए आपको बताते हैं कि यशस्वी अपनी बल्लेबाजी में ऐसा क्या अलग कर रहे हैं। जो रोहित, शुभमन गिल और श्रेयस अय्यर नहीं कर पा रहे हैं।
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यशस्वी का बैटिंग में अटैकिंग अप्रोच
पहले टेस्ट की पहली इनिंग में यशस्वी ने 80 रन की बेहतरीन पारी खेली थी। हालांकि वह अपना शतक पूरा करने से चुक गए थे लेकिन उनकी यह पारी सिर्फ 74 गेंदों पर आई थी। यशस्वी की इस पारी की खास बात यह रही थी कि उन्होंने अच्छी गेंदों का सम्मान किया और खराब गेंदों को बाउंड्री के बाहर भेजा था। 80 रन की पारी में यशस्वी का स्ट्राइक रेट 108.10 रहा था।
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जबकि विशाखापट्टनम टेस्ट मैच में भी यशस्वी ने अपनी बल्लेबाजी में यही अप्रोच अपनाते हुए इंग्लैंड के खिलाफ अपने करियर का दूसरा शतक बनाया। इस मैच में भी यशस्वी अच्छी गेंदों के सम्मान करते हुए नजर आए। लेकिन जैसे ही उन्हें खराब गेंदें मिली तो उनपर वह चौका या छक्का लगाने से बिल्कुल पीछे नहीं हटे। वहीं अन्य भारतीय बल्लेबाजो अच्छी गेंदों के साथ-साथ खराब गेंदों पर भी बड़ा शॉट खेलने में हिचकिचाते हुए नजर आए। जिसकी वजह से वह इंग्लैंड के खिलाफ ज्यादा रन नहीं बना पा रहे हैं।
ओली पोप ने पहले टेस्ट मैच में अपनाई थी यहीं रणनीति
यशस्वी के अलावा इंग्लैंड के ओली पोप भी पहले टेस्ट की दूसरी पारी में इसी रणनीति के साथ बल्लेबाजी करते हुए नजर आए थे। उन्होंने भारत की सर्वश्रेष्ठ स्पिन तिकड़ी के खिलाफ लगातार अपने शॉट खेले थे। जिसका फायदा उन्हें मिला भी था। पोप ने स्पिनरों के खिलाफ स्वीप और रिवर्स स्वीप जमकर खेले थे, जिसपर उन्हें चौके मिले थे। पोप की यह आक्रमक नीति की बदौलत ही वह भारत के गेंदबाजों के ऊपर दबाव बना पाया था।