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Supermoon secrets: क्या आपने ‘चौदहवीं’ का चांद देखा? धरती के इतना करीब, देखें सुपरमून की तस्वीरें

Supermoon 2025 secrets 05 november: साल 2025 की कार्तिक पूर्णिमा के मौके पर दिखाई दिए आखिरी सुपरमून ने बीती रात आसमान को जगमगा दिया. 5 नवंबर को चीन समेत दुनियाभर के लोगों ने इस अद्भुत सुपरमून को अपने कैमरे में कैद किया. इतना बड़ा चांद देख ऐसा लगा, मानो सचमुच चांद धरती के काफी करीब आ गया.

Supermoon 2025 secrets 05 november: 'चौदहवीं' का चांद कल रात क्या सचमुच धरती के काफी करीब और बड़ा नजर आया. दरअसल, सुपरमून तब होता है जब चंद्रमा अपनी कक्षा में धरती के सबसे निकटतम बिंदू पर होता है, इसे पेरिजी कहा जाता है और यह पूर्ण चांद भी होता है. 5 नवंबर को कार्तिक पूर्णिमा के मौके पर चंद्रमा अचानक आकाश में थोड़ा बड़ा दिखाई देने लगा, मानो वह अचानक पृथ्वी के करीब आ गया हो और उतना ही चमकीला भी? ऐसा लगा जैसे यह नजदीक है, सच्चाई तो यह थी कि सुपरमून नजदीक तो होता है, लेकिन अपनी कक्षा छोड़कर नजदीक नहीं आया था.

यह एक भ्रम था एक आकर्षक घटना तो अक्सर सुपरमून के साथ होती है. नजदीक दिखाई देने वाला चांद और पृथ्वी का वास्तविक आकार और पृथ्वी से दूरी लगभग अपरिवर्तित रहती है. बीवर मून के नाम से जाना जाने वाला यह चांद 221,818 मील (356,980 किलोमीटर) की दूरी पर उगता है.

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14% तक बड़ा और लगभग 30% अधिक चमकीला

सुपरमून का चांद एक सामान्य पूर्णिमा की तुलना में 14% तक बड़ा और लगभग 30% अधिक चमकीला दिखाई दे सकता है, खासकर जब यह क्षितिज पर नीचे हो. यही वह समय भी होता है जब "चंद्रमा भ्रम" शुरू होता है, जिससे चंद्रमा ज़मीन पर मौजूद वस्तुओं की तुलना में बहुत बड़ा दिखाई देता है. हमारा मस्तिष्क क्षितिज के पास चंद्रमा को बड़ा समझता है. यह 2025 का तीसरा और आखिरी सुपरमून था. मस्तिष्क क्षितिज के निकट स्थित चंद्रमा को दूर मानता है, क्योंकि इसे दूरस्थ वस्तुओं के संदर्भ में देखा जाता है, फिर भी इसकी रेटिना छवि का आकार स्थिर रहता है. क्षितिज के पास सुपरमून का आश्चर्यजनक रूप से बड़ा दिखना मुख्य रूप से एक प्रकाशीय और मनोवैज्ञानिक भ्रम के कारण होता है.

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एक साधारण टेस्ट से समझें इस प्रक्रिया को

इंडिया टूडे की रिपोर्ट के मुताबिक, एक छोटी सी वस्तु जैसे कंकड़ को हाथ की दूरी पर पकड़ें ताकि चंद्रमा क्षितिज के निकट हो और जब वह आकाश में ऊपर हो तो उसे ढक सकें, वस्तु दोनों बार चंद्रमा को समान रूप से ढकती है, जिससे आकार में कोई वास्तविक परिवर्तन नहीं होता है. सुपरमून के असर से चांद के भ्रम से ऐसे अद्भुत दृश्य उत्पन्न होते हैं जो हमें याद दिलाते हैं कि हम जो कुछ भी देखते हैं, वह इस बात पर निर्भर करता है कि दिमाग अपने क्या दिखाना चाहता है, न कि चंद्रमा कितना दूरी पर है. यदि आप कल रात के कार्यक्रम को देखने से चूक गए हों, तो चीन के हेनान प्रांत के संस्कृति और पर्यटन विभाग के अधिकारिक अकाउंट पर तस्वीरें शेयर की हैं, वो देख सकते हैं.


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