क्या आपको भी हुआ था Covid-19? ब्रेन पर पड़े असर को लेकर वैज्ञानिकों ने किया बड़ा दावा
प्रतीकात्मक तस्वीर (ANI)
क्वींसलैंड विश्वविद्यालय के वैज्ञानिकों मस्तिष्क के स्वास्थ्य पर कोविड-19 के प्रभाव पर अपने शोध में एक महत्वपूर्ण सफलता हासिल की है। वैज्ञानिकों ने चार दवाओं की पहचान की है जो संभावित रूप से कोविड-19 द्वारा शुरू की गई सेलुलर प्रक्रिया को उलट सकती हैं, जो समय से पहले मस्तिष्क की उम्र बढ़ाती हैं। इस नए शोध में वैज्ञानिकों ने 'ज़ोंबी' कोशिकाओं (zombie cells) को मारकर कोविड-19 इनफेक्शन के कारण मस्तिष्क की समय से पहले उम्र बढ़ने की प्रक्रिया को उलटने का एक तरीका खोजा है।
यह खोज कोविड-19 संक्रमण के दीर्घकालिक न्यूरोलॉजिकल प्रभावों को कम करने की बात करती है। साइंटिस्ट्स का कहना है कि 'ज़ोंबी' कोशिकाओं को मारने से कोविड के कारण होने वाली मस्तिष्क की उम्र बढ़ने की प्रक्रिया को रोका जा सकता है। यूक्यू के ऑस्ट्रेलियन इंस्टीट्यूट फॉर बायोइंजीनियरिंग एंड नैनोटेक्नोलॉजी (एआईबीएन) के डॉक्टर जूलियो अगुआडो ने कहा, हमने पाया कि कोविड-19 'ज़ोंबी' या सेन्सेंट कोशिकाओं की उपस्थिति को तेज करता है, जो उम्र बढ़ने के साथ मस्तिष्क में स्वाभाविक रूप से और धीरे-धीरे जमा होते हैं।
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इस्तेमाल किया मिनी ब्रेन का
WION की एक रिपोर्ट के मुताबिक ऑस्ट्रेलिया में क्वींसलैंड विश्वविद्यालय के शोधकर्ताओं की एक टीम ने यह जांच करने के लिए प्रयोगशाला में विकसित मानव स्टेम कोशिकाओं की मदद से बने मिनी-ब्रेन का इस्तेमाल किया कि SARS-CoV-2 के वेरिएंट मस्तिष्क के ऊतकों को कैसे प्रभावित करते हैं। शरीर की प्रत्येक कोशिका एक छोटे आणविक कारखाने के रूप में कार्य करती है, जिसमें हमारे शरीर के अस्तित्व के लिए आवश्यक प्रक्रियाएं पूरी होती हैं। इस प्रोसेस से खतरनाक अपशिष्ट उत्पाद उत्पन्न होते हैं जो समय के साथ बनते हैं और डीएनए और आणविक मशीनरी को नुकसान पहुंचाते हैं।
देखें कोविड पर एक रिपोर्ट-
दवाओं ने मस्तिष्क को किया फिर से जीवंत-डॉक्टर
रिसर्चर्स को कोशिकाओं को चुनिंदा तरीके से खत्म कर करने वाली चार ऐसी दवाएं मिलीं। ऐसा कहा जा रहा है कि ये दवाएं संभावित रूप से कोविड -19 द्वारा शुरू की गई सेलुलर प्रक्रिया को उलट सकती हैं। डॉ. अगुआडो ने कहा कि दवाओं ने मस्तिष्क को फिर से जीवंत कर दिया। सीन्सेंट कोशिकाएं टिश्यूज की जलन और और उन्हें खराब करने के लिए जानी जाती हैं। इससे मरीजों को स्मृति हानि जैसी का सामना करना पड़ता है। उन्होंने कहा कि इसके तंत्र को पूरी तरह से समझने के लिए और अधिक रिसर्च की जरूरत है, लेकिन यह स्टडी वायरल संक्रमण, उम्र बढ़ने और न्यूरोलॉजी ठीक रहने के बीच जटिल संबंधों के बारे में हमारे ज्ञान में एक महत्वपूर्ण कदम है।
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