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रूस बना भारत का प्रतिद्वंदी, लूना-25 के जरिए चंद्रयान से पहले पहुंचेगा चांद पर

Luna-25 Mission: भारत के चंद्रयान में भेजा गया लैंडर 23 अगस्त को चन्द्रमा के दक्षिणी ध्रुव पर लैंड करेगा। ऐसा करने के बाद भारत दुनिया के उन चंद देशों में शामिल हो जाएगा जो चंद्रमा तक पहुंचने का दम रखते हैं। हालांकि अब भारत को इस क्षेत्र में अपने पुराने दोस्त रुस से सीधी चुनौती […]

Luna-25 Mission: भारत के चंद्रयान में भेजा गया लैंडर 23 अगस्त को चन्द्रमा के दक्षिणी ध्रुव पर लैंड करेगा। ऐसा करने के बाद भारत दुनिया के उन चंद देशों में शामिल हो जाएगा जो चंद्रमा तक पहुंचने का दम रखते हैं। हालांकि अब भारत को इस क्षेत्र में अपने पुराने दोस्त रुस से सीधी चुनौती का सामना करना पड़ सकता है। रूस का लूना 25 लैंडर भी सोयूज रॉकेट के जरिए 11 अगस्त 2023 को मास्को से रवाना होगा। मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार रूस का लूना 25 मिशन भी चंद्रमा के दक्षिण ध्रुव पर उतरेगा और वहां पर कई तरह के परीक्षण करेगा। इसमें प्लाज्मा की जांच और वातावरण में मौजूद धूल के कणों की जांच करेगा। इस मिशन का उद्देश्य चंद्रमा की इंटीरियर सरफेस पर रिसर्च करना और पानी सहित अन्य मिनरल्स की खोज करना होगा। माना जा रहा है कि यह लैंडर लगभग एक वर्ष तक चंद्रमा की सतह पर परीक्षण करेगा। यह भी पढ़ें: एथेनॉल की एक बूंद से होगा चमत्कार, स्मार्टफोन, गैजेट्स और वैज्ञानिक इक्विपमेंट्स में आएगी क्रांति

Luna-25 लैंडर चंद्रयान के साथ ही पहुंचेगा चांद पर

रूसी स्पेस एजेंसी रोस्कोस्मोस के अनुसार लूना-25 को सोयुज-2 फ्रीगेट बूस्टर के जरिए लॉन्च किया जाएगा और यह चंद्रमा के दक्षिणी ध्रुव पर पहुंचने वाला पहला लैंडर होगा।माना जा रहा है कि यह भारत के चंद्रयान के साथ या उससे पहले चंद्रमा पर लैंडिंग कर सकता है। उल्लेखनीय है कि रूस ने आखिरी बार चांद की सतह का नमूना लेने के लिए 1976 में अपना लूना-24 मिशन लॉन्च किया था। इसके बाद से रूस ने वहां के लिए किसी भी तरह का कोई मिशन नहीं भेजा है।

चंद्रमा पर बनाना चाहते हैं स्टेशन

रूस और चीन दोनों मिलकर चंद्रमा पर बेस बनाना चाहते हैं ताकि वहां से भविष्य में और अधिक प्रोजेक्ट्स को लॉन्च किया जा सके। परन्तु रूस के इस मिशन में अभी कई कठिनाईयां आ सकती है। रूस की यूरोपीय स्पेस एजेंसी से पार्टनरशिप टूट चुकी है। ऐसे में उसे चीन के साथ मिलकर खुद अपने लिए उपकरण बनाने पड़ रहे हैं।

गांव कराया खाली

रूस का नया मिशन वोस्तोचन कोस्मोड्रोम से लॉन्च किया जाएगा। यह जगह मास्को से करीब 5,550 किलोमीटर की दूरी पर स्थित है। वहां रहने वाले निवासियों की सुरक्षा के लिए गांव को 11 अगस्त की सुबह ही खाली करवा दिया जाएगा। रूसी स्पेस एजेंसी रोस्कोस्मोस के अनुसार जहां कहीं भी रॉकेट बूस्टर के गिरने की संभावना है, उन सभी जगहों को ऐहतियातन खाली करवाया जाएगा।


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