जो चीन नहीं कर सका, वो भारत का सूर्य यान Aditya L1 कर दिखाएगा
भारत ने अपने प्रथम सूर्य यान Aditya L1 को आज सफलतापूर्वक लॉन्च कर दिया है। यह सैटेलाइट पृथ्वी और सूर्य के मध्य लैंग्रेज प्वाइंट एल1 पर स्थित रहकर सूर्य की परिक्रमा करते हुए सूर्य से जुड़ी महत्वपूर्ण जानकारियां एकत्रित करेगा। आदित्य एल1 भारत की पहली अंतरिक्ष वेधशाला बनेगा।
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भारत रचेगा नया इतिहास
इसके जरिए भारतीय वैज्ञानिक सूर्य फोटोस्फेयर, क्रोमोस्फेयर तथा सूर्य की बाहरी लेयर कोरोना का विस्तृत अध्ययन करेंगे। भारत से पहले अब तक अमरीका, यूरोपियन यूनियन, जापान और चीन की स्पेस एजेंसियां भी सोलर स्पेसक्रॉफ्ट लॉन्च कर चुकी हैं। हालांकि इनमें से केवल अमरीका ही एकमात्र ऐसा देश हैं जो सूर्य के इतना अधिक नजदीक जा पाया है।
ग्रहण के दौरान भी सूर्य नहीं होगा ओझल
भारत का Aditya L1 यान लैंग्रेंज प्वाइंट पर स्थापित किया जाएगा। यह प्वाइंट पृथ्वी से लगभग 15 लाख किलोमीटर की दूरी पर स्थित हैं। यहां पर पृथ्वी तथा सूर्य के बीच गुरुत्वाकर्षण बल संतुलित हो जाते हैं और सैटेलाइट स्थिर कक्षा में रहते हुए परिक्रमा कर सकते हैं। इसलिए भारत ने इस प्वाइंट को आदित्य एल1 यान के लिए चुना है। सबसे बड़ी बात, इस प्वाइंट पर परिक्रमा करते हुए सैटेलाइट ग्रहण के दौरान भी सीधा सूर्य के सामने ही रहेगा।
भारत करेगा वह काम, जो चीन भी नहीं कर सका
भारत से पहले चीन ने भी गत वर्ष 8 अक्टूबर 2022 को अपना सूर्ययान कुआफू-1 लॉन्च किया था। इस यान को पृथ्वी से 720 किलोमीटर की ऊंचाई पर स्थापित किया गया है जो पृथ्वी की आर्बिट में है। जबकि भारत का आदित्य एल1 पृथ्वी से करीब 15 लाख किलोमीटर की दूरी पर जाएगा। इस तरह भारत वो कर दिखाएगा जो चीन भी नहीं कर पाया है।
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