Gayatri Jayanti 2024: गायत्री माता हिंदू धर्म की एक बहुत ही महत्वपूर्ण देवी हैं। गायत्री मंत्र, जो वेदों का सबसे पवित्र मंत्र माना जाता है, उन्हीं से जुड़ा हुआ है। इस मंत्र का जाप ज्ञान, बुद्धि और विवेक को बढ़ाने और आध्यात्मिक उन्नति के लिए किया जाता है। वे ज्ञान की देवी कहलाती हैं। आइए जानते हैं, गायत्री जयंती कब है, उन्हें ‘वेदमाता’ क्यों कहा गया है और हिन्दू धर्म में उनका क्या महत्व है?
गायत्री जयंती कब है?
सनातन धर्म और संस्कृति में गायत्री माता के महत्व को देखते हुए प्रतिवर्ष सावन मास की पूर्णिमा तिथि को गायत्री जयंती मनाई जाती है। मान्यता है कि इस पुण्य तिथि को गायत्री माता का जन्म हुआ था। साल 2024 में यह तिथि सोमवार 19 अगस्त को पड़ रही है। इस तिथि को रक्षाबंधन त्योहार भी मनाया जाता है।
मां गायत्री क्यों कहते हैं वेदमाता?
हिंदू धर्म में माता गायत्री को भारतीय संस्कृति की जननी भी कहा गया है। मान्यता है कि 4 वेद सहित सभी वेदांगों की उत्पत्ति इन्हीं से हुई है, गायत्री संहिता के अनुसार, गायत्री माता देवी सरस्वती, देवी लक्ष्मी और देवी काली का प्रतिनिधित्व करती हैं। वेद की उत्पत्ति में इन तीनों शक्तियों का योगदान होने के कारण गायत्री को वेद माता कहा गया है। शास्त्रों में लिखा गया है कि गायत्री मंत्र सभी वेदों का सार है। इसलिए मां गायत्री को वेदमाता कहा गया है।
हिन्दू धर्म में गायत्री माता महत्व
गायत्री माता के आशीर्वाद से जीवन में सुख, शांति और समृद्धि प्राप्त होती है। गायत्री मंत्र का नियमित जाप करने से व्यक्ति आध्यात्मिक रूप से उन्नति करता है। हिंदू धर्म में गायत्री माता एक अत्यंत महत्वपूर्ण देवी हैं। उन्हें वेदों की जननी और सभी देवी-देवताओं की अधिष्ठात्री देवी माना गया है। धर्म ग्रंथों के अनुसार, मां गायत्री की उपासना करने से सभी मनोकामनाएं पूरी हो जाती हैं। कुछ मान्यताओं के अनुसार, सृष्टि के रचनाकार ब्रह्मा जी ने गायत्री माता की मदद ही ब्रह्मांड की रचना की थी। हिंदू धर्म में मां गायत्री का रूप पंचमुखी देवी का है, जो ब्रह्मांड के पांच तत्वों- जल, वायु, पृथ्वी, तेज और आकाश की अधिष्ठात्री मानी गई हैं।
गायत्री मंत्र का महत्व
- गायत्री मंत्र हिंदू धर्म में सर्वाधिक पवित्र और प्रभावशाली मंत्रों में से एक माना गया है। इस मंत्र का नियमित जाप करने से व्यक्ति को कई लाभ प्राप्त होते हैं।
- इसका नियमित जाप करने से व्यक्ति बुद्धिमान बनता है और उसमें सही निर्णय लेने की क्षमता विकसित होती है।
- इस मंत्र को सकारात्मक ऊर्जा का स्रोत माना जाता है। इसके जाप से व्यक्ति के मन में सकारात्मक विचार आते हैं और नकारात्मकता दूर होती है।
- मान्यता है कि गायत्री मंत्र का जाप मन को शांत करता है और तनाव को कम करता है। यह मंत्र कई प्रकार के रोगों से मुक्ति दिलाता है।
- अथर्ववेद के अनुसार, गायत्री के नियमति जाप से जीवन में किसी वस्तु की कमी नहीं होती।
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