कब है वृषभ संक्रांति
वैदिक ज्योतिष शास्त्र के अनुसार, सूर्य देव इस समय मेष राशि में स्थित हैं। लेकिन 14 मई को मेष राशि से निकलकर वृषभ राशि में प्रवेश कर जाएंगे। सूर्य देव वृषभ राशि में 14 मई के दिन पुण्य काल की तिथि सुबह के 10 बजकर 50 मिनट से लेकर शाम को 6 बजकर 30 मिनट तक रहने वाला है। इस बीच में महापुण्य काल भी रहने वाला है। महापुण्य काल की शुभ तिथि दोपहर 3 बजकर 49 मिनट से लेकर शाम को 6 बजकर 4 मिनट तक रहेगा। यानी वृषभ संक्रांति शाम 6 बजकर 04 मिनट पर है।वृषभ संक्रांति का महत्व
वैदिक ज्योतिष शास्त्र के अनुसार, वृषभ संक्रांति के दिन दान-पुण्य का बहुत ही महत्व होता है। मान्यता है कि जो लोग इस दिन दान-पुण्य करते हैं उनकी सारी मनोकामना पूर्ण हो जाती है। संक्रांति के दिन जरूरतमंदों को भोजन करना सबसे पुण्य फलदायी रहने वाला है। इस दिन वस्त्र दान, धन दान करने से मन की सारी इच्छाएं पूरी हो जाती हैं। जीवन में सुख-शांति और समृद्धि आती है। धार्मिक मान्यताओं के अनुसार, जो लोग संक्रांति के दिन व्रत और सूर्य देव की विधि-विधान से पूजा करते हैं उन्हें सारी परेशानियों से मुक्ति मिलती हैं। साथ ही धन-वैभव और ऐश्वर्य की भी प्राप्ति होती है। यह भी पढ़ें- अगले 7 महीने के अंदर मीन राशि वाले लोगों को मिल सकती है सरकारी नौकरी यह भी पढ़ें- सूर्य देव की कृपा से ये 3 राशियां बन सकती हैं अमीर, 2024 के अंत तक होगा पैसा ही पैसा यह भी पढ़ें- अमावस्या पर बनेंगे 3 शुभ दुर्लभ संयोग, इन 3 राशियों के जीवन में आएगी बहार
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