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वट सावित्री व्रत आज, जानें सही डेट और पूजा विधि

Vat Savitri Vrat 2024: वैदिक ज्योतिष शास्त्र के अनुसार, वट सावित्री व्रत के दिन सुहागिन महिलाएं व्रत रखती हैं साथ ही भगवान विष्णु और माता लक्ष्मी की पूजा भी करती हैं। मान्यता है कि जो लोग विधि-विधान से वट सावित्री के दिन व्रत रखती हैं उन्हें सौभाग्यवती का वरदान भी मिलता है। तो आज इस खबर में जानेंगे कि वट सावित्री व्रत कब है, पूजा मुहूर्त क्या है और पूजा की विधि क्या है।

Author Edited By : Raghvendra Tiwari Updated: Jun 6, 2024 06:57
Vat Savitri Vrat 2024

Vat Savitri Vrat 2024: सनातन धर्म में वट सावित्री व्रत का बहुत ही विशेष महत्व है। वट सावित्री के दिन सुहागिन महिलाएं व्रत रखती हैं। धार्मिक मान्यताओं के अनुसार, वट सावित्री के दिन सावित्री और सत्यवान की पूजा की जाती है। कहा जाता है कि इस दिन सावित्री ने सत्यवान को यमराज के पास से जीवित लेकर आई थीं। मान्यता है कि जो महिलाएं वट सावित्री के दिन व्रत रखती हैं उन्हें सौभाग्यवती का वरदान मिलता है। साथ ही पति की लंबी आयु और सुख-समृद्धि के लिए कामना भी की जाती है। ज्योतिष शास्त्र के अनुसार, वट सावित्री का व्रत कुंवारी कन्याएं भी कर सकती हैं। जो कुंवारी कन्याएं वट सावित्री व्रत को रखती हैं उन्हें सुयोग्य वर मिलता है।

ज्योतिष शास्त्र के अनुसार, वट सावित्री व्रत के दिन पूजा-पाठ का खास ध्यान रखना पड़ता है। यदि जो महिलाएं विधि-विधान के साथ व्रत रखती हैं उनके पति का जीवन सुखमय और दीर्घायु होती है। इस दिन सत्यवान के साथ भगवान विष्णु और माता लक्ष्मी की पूजा भी की जाती है। साथ ही वट वृक्ष की यथासंभव परिक्रमा भी की जाती हैं। तो आज इस खबर में जानेंगे कि वट सावित्री के दिन किस विधि-विधान से पूजा-पाठ कर सकते हैं। साथ ही शुभ मुहूर्त क्या है।

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आज है वट सावित्री व्रत

वैदिक पंचांग के अनुसार, इस साल वट सावित्री का व्रत 6 जून 2024 दिन गुरुवार को है। वट सावित्री की शुरुआत 6 जून को सुबह 5 बजकर 34 मिनट पर होगी। उदया तिथि के अनुसार, वट सावित्री का व्रत 6 जून को यानी आज रखा जाएगा। इस दिन धृति नामक योग का भी निर्माण हो रहा है। यह योग बहुत ही शुभ माना गया है।

वट सावित्री व्रत की पूजा मुहूर्त

पंचांग के अनुसार, वट सावित्री व्रत की पूजा 6 जून को सुबह 11 बजकर 52 मिनट लेकर दोपहर के 12 बजकर 48 मिनट तक रहेगा। ज्योतिषियों के अनुसार, दोपहर के 1 बजकर 30 मिनट से लेकर 3 बजे तक समय छोड़कर पूरे दिन पूजा करने का शुभ मुहूर्त है।

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वट सावित्री की पूजा विधि

धार्मिक मान्यताओं के अनुसार, वट सावित्री व्रत वाले दिन सुहागिन महिलाएं प्रातकाल उठकर स्नान-ध्यान करें। स्नान-ध्यान करने के बाद व्रत का संकल्प करें। उसके बाद सोलह श्रृंगार भी करें। वट सावित्री व्रत में पीला सिंदूर लगाएं। उसके बाद वट वृक्ष के नीचे बैठकर सावित्री और सत्यवान के साथ यमराज की मूर्ति रखें। इन तीनों देवों की मूर्ति रखने के बाद बरगद के पेड़ में जल अर्पित करें। इसके बाद वट वृक्ष के जड़ में अक्षत, फूल और फल चढ़ाए। उसके बाद रक्षा सूत्र बांधे। वट वृक्ष के चारों ओर कच्चा धागा लपेटकर सात बार परिक्रमा भी करे। हाथ जोड़कर कथा सुने। ब्राह्मण को दान करें। साथ ही अपनी इच्छा को पूरी करने के लिए प्रार्थना भी करें।

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डिस्क्लेमर: यहां दी गई जानकारी ज्योतिष मान्यताओं पर आधारित है तथा केवल सूचना के लिए दी जा रही है। News24 इसकी पुष्टि नहीं करता है। 

First published on: Jun 02, 2024 02:54 PM

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