Vastu Tips: भारतीय सनातन संस्कृति में पूजा-पाठ की विधियों में घंटी बजाना एक अत्यंत महत्वपूर्ण और पवित्र कर्म माना जाता है। आपने कई बार देखा होगा कि लोग जब मंदिर में प्रवेश करते हैं या घर पर पूजा करते हैं तो सबसे पहले घंटी बजाते हैं क्योंकि यह भारतीय संस्कृति और परंपरा का हिस्सा है। यह न केवल धार्मिक दृष्टिकोण से महत्व रखती है बल्कि इसका वैज्ञानिक और मानसिक प्रभाव भी हमारे जीवन पर पड़ता है।
घंटी बजाने से सकारात्मकता उत्पन्न होती है जो नकारात्मक ऊर्जा को दूर करती है। ऐसा माना जाता है कि घंटी की ध्वनि से ध्यान केंद्रित होता है जिससे हम पूजा के समय भगवान से जुड़ पाते हैं। यदि आप प्रतिदिन श्रद्धा और नियम से मंदिर की घंटी बजाते हैं तो घर में सकारात्मकता बनी रहती है रोग-शोक दूर होते हैं और सौभाग्य में वृद्धि होती है। तो आइए जानते हैं कि मंदिर की घंटी बजाने से आपके जीवन पर क्या प्रभाव पड़ते हैं।
चक्रों का संतुलन लाती है
वास्तु शास्त्र के अनुसार, मंदिर की घंटी की ध्वनि शरीर के सातों चक्रों पर प्रभाव डालती है। इससे अंदरूनी ऊर्जा संतुलित होती है और मन शांत रहता है।
शरीर का शुद्धिकरण करती है
वास्तु शास्त्र के अनुसार, घंटी बजाने से उत्पन्न ध्वनि तरंगे शरीर के अंदर की नकारात्मकता को दूर करती हैं। इससे मन, शरीर और आत्मा का शुद्धिकरण होता है।
सकारात्मक ऊर्जा को बढ़ाती है
वास्तु शास्त्र के अनुसार, हर दिन घंटी बजाने से वातावरण में सकारात्मक ऊर्जा का संचार होता है, जिससे घर में सुख-शांति और खुशहाली बनी रहती है।
नजर दोष और बुरी शक्तियों को हटाती है
वास्तु शास्त्र के अनुसार, ऐसा माना जाता है कि घंटी की ध्वनि से बुरी नजर, टोना-टोटका और नकारात्मक शक्तियां दूर हो जाती हैं।
मस्तिष्क के दोनों भागों को संतुलित करती है
वास्तु शास्त्र के अनुसार, घंटी की ध्वनि मस्तिष्क के दाएं और बाएं हिस्सों को सक्रिय करती है। इससे एकाग्रता, स्मरण शक्ति और मानसिक संतुलन बढ़ता है।
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डिस्क्लेमर: यहां दी गई जानकारी ज्योतिष शास्त्र पर आधारित है तथा केवल सूचना के लिए दी जा रही है। News24 इसकी पुष्टि नहीं करता है