सूर्य मंत्र
ओम आकृष्णेन रजसा वर्तमानो निवेशयन्नमृतं मर्त्यण्च । हिरण्य़येन सविता रथेन देवो याति भुवनानि पश्यन ।। ओम घृणि: सूर्यादित्योम ओम घृणि: सूर्य आदित्य श्री ओम ह्रां ह्रीं ह्रौं स: सूर्याय: नमः ओम ह्रीं ह्रीं सूर्याय नमः जपाकुसुम संकाशं काश्यपेयं महाद्युतिम । तमोsरिं सर्वपापघ्नं प्रणतोsस्मि दिवाकरम । ओम आदित्याय विदमहे दिवाकराय धीमहि तन्न: सूर्य: प्रचोदयात ।।राहु ग्रह मंत्र
ओम कयानश्चित्र आभुवदूतीसदा वृध: सखा । ओम ऎं ह्रीं राहवे नमः ओम भ्रां भ्रीं भ्रौं स: राहवे नमः ओम ह्रीं ह्रीं राहवे नमः राहु ग्रह का पौराणिक मंत्र ।। ओम अर्धकायं महावीर्य चन्द्रादित्यविमर्दनम । सिंहिकागर्भसंभूतं तं राहुं प्रणमाम्यहम ।। “ओम शिरो रूपाय विद्महे अमृतेशाय धीमहि तन्नो राहुः प्रचोदयात्”।।भगवान शिव स्तुति
शंकरं, शंप्रदं, सज्जनानंददं, शैल-कन्या-वरं, परमरम्यं । काम-मद-मोचनं, तामरस-लोचनं, वामदेवं भजे भावगम्यं ॥ कंबु-कुंदेंदु-कर्पूर-गौरं शिवं, सुन्दरं, सच्चिदानंदकंदं । सिद्ध-सनकादि-योगीन्द्र-वृन्दारका, विष्णु-विधि-वन्द्य चरणारविंदं ॥ ब्रह्म-कुल-वल्लभं, सुलभ मति दुर्लभं, विकट-वेषं, विभुं, वेदपारं । नौमि करुणाकरं, गरल-गंगाधरं, निर्मलं, निर्गुणं, निर्विकारं ॥ लोकनाथं, शोक-शूल-निर्मूलिनं, शूलिनं मोह-तम-भूरि-भानुं । कालकालं, कलातीतमजरं, हरं, कठिन-कलिकाल-कानन-कृशानुं ॥ तज्ञमज्ञान-पाथोधि-घटसंभवं, सर्वगं, सर्वसौभाग्यमूलं । प्रचुर-भव-भंजनं, प्रणत-जन-रंजनं, दास तुलसी शरण सानुकूलं ॥ यह भी पढ़ें- आज मेष समेत 3 राशियों को होगा कारोबार में लाभ, इन 2 राशियों को रहना होगा सावधान यह भी पढ़ें- चैत्र नवरात्रि पर करने जा रहे हैं कलश स्थापना, तो नोट करें पूजा सामग्री यह भी पढ़ें- नवरात्रि पर बनेगा मीन राशि में त्रिग्रही योग, इन 3 राशियों को मिलेगी धन-दौलत
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