शनिदेव कब होते है क्रोधित
धार्मिक ग्रंथों के मुताबिक, जब व्यक्ति अन्याय और अनीतिपूर्ण काम करता है, तब शनिदेव क्रोधित हो जाते हैं और अपना चक्र प्रारंभ कर देते हैं। किसी पराई स्त्री पर नजर रखना, सूदखोरी का काम करना, शराब पीना और नशा करना, कमजोर व्यक्तियों और गरीबों पर अत्याचार करना, निरीह जानवरों को मारना, देवताओं का अपमान करना आदि कुछ शास्त्रोक्त घृणित कार्य हैं, जिसकी अति हो जाने पर शनिदेव नाराज हो जाते हैं।भूल से भी न करें ये काम
- कभी भी सच्चे और अच्छे हृदय के व्यक्ति को न सताएं और न ही उसका शोषण करें।
- शनिदेव न्याय के स्वामी हैं, जहां सच्चाई का बोलबाला है। अपनी गंदी स्वार्थसिद्धि के लिए झूठ पर झूठ बोलना, किसी व्यक्ति को झूठे मुकदमे में फंसाने जैसा काम न करें।
- बड़ों का सम्मान नहीं करने वाले लोग से शनिदेव जल्दी नाराज हो जाते हैं। मन, वचन, कर्म, यहां तक कि विचार से भी किसी बुजुर्ग का अपमान न करें।
- अपने कर्म से विमुख न हों और बेईमानी करने से बचें।
करें ये उपाय
- जीवन में सादगी और सात्विकता पाने के साथ शनिदेव की कृपा के लिए शनिवार के दिन शनिदेव की पूजा करें। उन्हें सरसों का तेल अर्पित करें। शनि चालीसा का पाठ करें।
- शनिवार का व्रत रखें और गरीबों और असहायों को काले कपड़े, तिल और जूते दान में दें।
- शनिचरा व्रत करें, जो 16 शनिवार तक रखा जाता है। इस दिन पीपल और शमी वृक्ष की पूजा करें। उड़द की खिचड़ी बांटें।
- हर रोज बजरंग बली हनुमानजी की चालीसा का पाठ करें।
डिस्क्लेमर: यहां दी गई जानकारी धार्मिक शास्त्र की मान्यताओं पर आधारित हैं और केवल जानकारी के लिए दी जा रही है। News24 इसकी पुष्टि नहीं करता है।