कब मनाई जाती है शनि जयंती?
वैदिक पंचांग के मुताबिक ज्येष्ठ महीने की अमावस्या को शनि जयंती मनाई जाती है। इस बार 6 जून को शनि जयंती के साथ-साथ वट सावित्री व्रत भी है। इस दिन विशेषतौर पर विवाहित महिलाएं व्रत रखा करती है। धार्मिक मान्यताओं में शनि जयंती (Shani Jayanti) पर शनिदेव की पूजा-अर्चना के साथ-साथ व्रत रखने का विधान है। इस दिन पवित्र नदियों में स्नान-दान आदि किया जाता है। साथ ही कुछ उपायों को करना लाभकारी माना जाता है।शनि जयंती पर करें शनिदेव के खास उपाय
1. शनि मंत्र और स्तोत्र का पाठ
शनि जयंती के अवसर पर आप शनिदेव की पूजा-अर्चना करें। साथ ही 7 बार शनि स्तोत्र का पाठ भी करें। इसके अलावा शनिदेव के मंत्र- "ॐ शं शनैश्चराय नमः" का जाप करें।2. दान और चारा
शनि जयंती पर मछली, चिड़िया और पशुओं को दाना डालें, साथ ही पानी और चारा भी डालें। आप इस दिन के अलावा भी रोजाना शनिदेव को खुश करने के लिए इस उपाय को अपना सकते हैं। ये भी पढ़ें- शनि जयंती 3 राशियों के लिए बेहद खास, मिलेगा शनि देव का आशीर्वाद3. सरसों का तेल
शनिदेव के समक्ष आप सरसों के तेल का दीपक जला सकते हैं। सरसों के तेल के दीपक में आप काला तिल भी जरूर मिलाएं। इसके साथ ही पीपल के पेड़ के आगे भी सरसों के तेल का दीपक जलाएं।4. खिचड़ी का भोग
शनिदेव को खिचड़ी बहुत ज्यादा प्रिय होती है। शनि जयंती के अवसर पर आप शनिदेव को खिचड़ी का भोग जरूर लगाएं और खिचड़ी का प्रसाद भी बांट दें।5. काली चीजों का दान
आप काली चीजों का दान कर सकते हैं। शनि जयंती के अवसर पर काले कपड़े, काले तिल, काली उड़द की दाल, लोहा आदि का दान कर सकते हैं। ऐसे में आप पर शनिदेव की खास कृपा बनी रहेगी। ये भी पढ़ें- Shani Jayanti 2024: इंदौर का अनोखा शनि मंदिर, जहां शनिदेव का रंग है सिंदूरी
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