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Sawan 2024: सावन के प्रदोष व्रत पर भूल से भी न करें ये 5 काम, भोले बाबा हो जाते हैं नाराज

Sawan Pradosh Vrat: पंचांग के मुताबिक सावन के महीने में दो प्रदोष व्रत होते हैं। सावन 2024 में कृष्ण पक्ष त्रयोदशी तिथि को किया जाने वाला प्रदोष व्रत 1 अगस्त को रखा जाएगा। आइए जानते हैं, सावन कृष्ण त्रयोदशी यानी प्रदोष व्रत के दिन कौन-सी गलतियां नहीं करनी चाहिए, अन्यथा भगवान शिव की नाराजगी बेहद महंगी पड़ सकती हैं?

Edited By : Shyam Nandan | Updated: Jul 29, 2024 11:20
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Sawan Pradosh Vrat: हिन्दू धर्म में प्रदोष व्रत भगवान शिव और मां पार्वती की कृपा प्राप्त करने का विशेष दिन माना गया है। यह व्रत प्रत्येक महीने के दोनों पक्ष की त्रयोदशी तिथि को रखा जाता है। श्रावण (सावन) कृष्ण पक्ष प्रदोष व्रत शिव आराधना के लिए बहुत प्रभावकारी माना गया है। सावन 2024 की कृष्ण त्रयोदशी यानी प्रदोष व्रत बृहस्पतिवार 1 अगस्त को पड़ रही है। इस दिन भगवान शिव का जलाभिषेक करने से विशेष पुण्य की प्राप्ति होती है। भगवान शिव ऐसे भगवान हैं, जो अपनी थोड़ी पूजा-पाठ से भी खुश होकर मनचाहा वरदान दे देते हैं। लेकिन, कुछ गलतियों से भगवान शिव नाराज भी हो सकते हैं। आइए जानते हैं, सावन कृष्ण त्रयोदशी यानी प्रदोष व्रत के दिन कौन-सी गलतियां नहीं करनी चाहिए।

प्रदोष व्रत पर भूल से न करें ये 5 काम

काले कपड़े पहनने से बचें

गृहस्थ जातकों को प्रदोष व्रत के दिन काले कपड़े पहनने से बचना चाहिए, अन्यथा आपके जीवन में शनि का प्रभाव बढ़ सकता है। भगवान शिव को काला रंग प्रिय नहीं है। चूंकि सावन 2024 की कृष्ण त्रयोदशी यानी प्रदोष व्रत बृहस्पतिवार को पड़ रही है। इसलिए इस दिन भगवान महादेव और मा पार्वती की पूजा पीले या केसरिया रंग के परिधान पहन कर करें। तांत्रिक सिद्धियां करने वालों को भी इस दिन काले रंग के वस्त्र का इस्तेमाल सोच-समझकर करना चाहिए।

मंदिर में शोर न करें

बहुत से लोग मंदिर पहुंचते ही इतनी जोर से जयकारा लगाते हैं कि सब चौंक जाते हैं। इसे एक धार्मिक असभ्यता माना गया है। इससे आप भगवान का ध्यान आकर्षित नहीं करते है, बल्कि उनके दरबार में व्यवधान पैदा करता है। मंदिर में शोर करना, चिल्लाना या बहस करना भगवान शिव को अप्रसन्न करता है। मंदिर में शांत वातावरण बनाए रखना चाहिए। साथ ही मंदिर को साफ-सुथरा रखने में सहायता करनी चाहिए। मंदिर में थूकना, कूड़ा फेंकना या अन्य प्रकार की गंदगी फैलाने से भगवान शिव नाराज होते हैं। इससे आपका जीवन अव्यवस्थित हो सकता है।

अशुद्ध और तामसिक भोजन से परहेज

प्रचलित हिन्दू परंपरा के मुताबिक, प्रदोष व्रत के दिन केवल शुद्ध और सात्विक भोजन का सेवन करना चाहिए। हर महीने की त्रयोदशी तिथि को मांस, मछली, अंडे और शराब का सेवन करने से परहेज करना चाहिए। इन नियम के उल्लंघन से धन की आमद घट सकती है या जबरदस्त धन हानि हो सकती है।

देवताओं और बुजुर्गों की उपेक्षा

सावन कृष्ण त्रयोदशी यानी प्रदोष व्रत के दिन भगवान शिव की पूजा करते समय अन्य देवताओं की उपेक्षा नहीं करनी चाहिए। इस दिन न केवल सभी देवताओं का सम्मान करना चाहिए बल्कि बड़े-बुजुर्गों की भी इज्जत करनी चाहिए। किसी भी तरह, मन, वचन, कर्म से उनकी उपेक्षा नहीं करनी चाहिए, अन्यथा सौभाग्य और समृद्धि पर असर पड़ता है।

भूल से भी न चढ़ाएं ये चीजें

प्रदोष व्रत की पूजा में केतकी के फूल, तुलसी की पत्तियां, नारियल का पानी, शंख का जल, हल्दी आदि पूजा सामग्रियां भूल से भी शिवजी पर नहीं चढ़ानी चाहिए। इन्हें अर्पित करने से भगवान शंकर क्रोधित और नाराज हो सकते हैं, जो आपको बेहंद महंगी पड़ सकती है।

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डिस्क्लेमर: यहां दी गई जानकारी धार्मिक शास्त्र की मान्यताओं पर आधारित है तथा केवल सूचना के लिए दी जा रही है। News24 इसकी पुष्टि नहीं करता है।

First published on: Jul 29, 2024 11:20 AM

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