Sankashti Chaturthi Date 2024: वैदिक पंचांग के अनुसार, प्रत्येक माह के कृष्ण पक्ष की चतुर्थी तिथि के दिन संकष्टी चतुर्थी का व्रत रखा जाता है। आज वैशाख माह के कृष्ण पक्ष की चतुर्थी तिथि है। साथ ही संकष्टी चतुर्थी भी है। धार्मिक मान्यताओं के अनुसार, इस संकष्टी चतुर्थी को विकट संकष्टी चतुर्थी के नाम से भी जाना जाता है। इस दिन महिलाएं अपने संतान की सलामती और लंबी उम्र के लिए व्रत और विधि-विधान से पूजा अर्चना करती है। बता दें कि इस दिन जो व्रती सच्चे मन से भगवान श्री गणेश की पूजा करती है उन पर भगवान श्री गणेश हर मेहरबान रहते हैं। तो आज इस खबर में जानेंगे कि विकट संकट चतुर्थी पर चंद्रमा का निकलने का शुभ मुहूर्त क्या रहेगा।
संकष्टी चतुर्थी का मुहूर्त
पंचांग के अनुसार, संकष्टी चतुर्थी की शुरुआत आज सुबह 8 बजकर 17 मिनट पर हो रही है और समाप्ति 28 अप्रैल यानी कल सुबह 8 बजकर 21 मिनट पर होगी। संकष्टी चतुर्थी पर भगवान गणेश और चंद्रमा की विधि-विधान से पूजा की जाती है इसलिए संकष्टी चतुर्थी आज यानी 27 अप्रैल को है।
चतुर्थी की पूजा विधि
वैदिक पंचांग के अनुसार, विकट संकष्टी चतुर्थी के दिन भगवान गणेश की पूजा करने से पहले जलाभिषेक करें। उसके बाद भगवान श्री गणेश को फूल, फल और पीला चंदन अर्पित करें। इन सब चीजों को अर्पित करने के बाद भगवान गणेश को तिल के लड्डू या मोदक अर्पित करें। मोदक अर्पित करने के बाद भगवान गणेश की कथा का पाठ करें। उसके बाद ओम गं गणपतये नम: मंत्र का जाप भी करें। उसके बाद आरती करें और चंद्र देव की भी पूजा करें। चंद्र देव की पूजा करने के बाद मन से प्रार्थना करें और उन्हें देखकर अपना व्रत खोले। साथ ही अपनी गलतियों की माफी के लिए झमा याचना करें।