Pushya Nakshatra 2025: मकर संक्रांति के दिन पुष्य नक्षत्र का योग बन रहा है। यह दुर्लभ योग किसी भी शुभ कार्य के लिए अत्यधिक लाभकारी माना जाता है। लेकिन क्या इस दिन किए गए हर काम का असर अच्छा होगा? बता दें इस नक्षत्र में कुछ कार्य करना बेहद शुभ होता हैं और कुछ अशुभ? इस दिन विशेष उपाय करने से मिल सकता है अपार लाभ। आइए जानते हैं पुष्य नक्षत्र के बारे में वो खास बातें, जो आपके जीवन को बदल सकती हैं।
पुष्य नक्षत्र क्या होता है?
पुष्य नक्षत्र को ज्योतिष शास्त्र में सबसे शुभ नक्षत्रों में गिना जाता है। इसे सभी शुभ कार्यों की शुरुआत के लिए आदर्श माना गया है। इस नक्षत्र के ग्रह स्वामी शनि है, जो मेहनत और अनुशासन के कारक हैं। जब यह नक्षत्र रविवार, सोमवार, या गुरुवार को आता है, तो इसका महत्व कई गुना बढ़ जाता है। इसे “नक्षत्रों का राजा” भी कहा जाता है। जनवरी 2025 में पुष्य नक्षत्र 14 जनवरी को मकर संक्रांति के दिन पड़ रहा है। यह शुभ योग 14 जनवरी की सुबह 10:17 बजे शुरू होगा और 15 जनवरी की सुबह 10:28 बजे समाप्त होगा। मकर संक्रांति पर इस नक्षत्र का संयोग बहुत दुर्लभ है और इसे बेहद शुभ माना गया है।
पुष्य नक्षत्र में क्या करना शुभ है?
खरीदारी: पुष्य नक्षत्र को खरीदारी के लिए सबसे शुभ समय माना जाता है। इस नक्षत्र में गहने, घर, गाड़ी या अन्य महंगी चीजें खरीदना बहुत लाभदायक होता है। यह समय ऐसी चीजों की खरीदारी के लिए बेस्ट है जो लंबे समय तक आपके जीवन में सुख-समृद्धि लाती हैं। पुष्य नक्षत्र में की गई खरीदारी को शुभ और स्थायी फल देने वाला माना गया है।
धार्मिक कार्य: इस नक्षत्र में किए गए धार्मिक कार्य जैसे पूजा-पाठ, यज्ञ और दान अत्यधिक फलदायक होते हैं। पुष्य नक्षत्र को देवताओं का आशीर्वाद प्राप्त करने का उत्तम समय माना जाता है। इस दिन दान-पुण्य करने से न केवल ईश्वर की कृपा प्राप्त होती है, बल्कि मानसिक शांति और आत्मिक सुख भी मिलता है।
नए काम की शुरुआत: पुष्य नक्षत्र में नए काम की शुरुआत करना बहुत शुभ होता है। अगर आप नया व्यवसाय शुरू करना चाहते हैं नई नौकरी जॉइन करना चाहते हैं या किसी नए प्रोजेक्ट पर काम शुरू करना चाहते हैं, तो यह समय आपके लिए उत्तम है। इस नक्षत्र में शुरू किए गए कार्यों में सफलता मिलने की संभावना अधिक रहती है।
शिक्षा: पुष्य नक्षत्र में पढ़ाई से जुड़ी किसी भी नई शुरुआत को बहुत शुभ माना जाता है। अगर आप किसी स्कूल, कॉलेज या कोचिंग में एडमिशन लेना चाहते हैं या पढ़ाई शुरू करना चाहते हैं, तो यह सही समय है। इस समय शुरू की गई पढ़ाई से अच्छे रिजल्ट मिलते हैं और आगे की राह आसान होती है।
मंत्र दीक्षा: गुरु से मंत्र प्राप्त करना या साधना की शुरुआत करने के लिए पुष्य नक्षत्र का समय बहुत ही विशेष माना जाता है। इस दिन ली गई मंत्र दीक्षा से साधक को आध्यात्मिक शक्ति प्राप्त होती है। साधना करने से व्यक्ति को मानसिक शांति और आध्यात्मिक उन्नति का अनुभव होता है।
पुष्य नक्षत्र में क्या करना अशुभ है?
लड़ाई-झगड़े: पुष्य नक्षत्र में किसी से लड़ाई या बहस करना अच्छा नहीं माना जाता। इस दिन शांति बनाए रखना जरूरी है क्योंकि झगड़े से मन खराब होता है और रिश्ते भी बिगड़ सकते हैं। इसलिए, इस दिन विवाद से बचें।
नकारात्मक सोच: इस दिन मन में नकारात्मक विचार नहीं लाने चाहिए। बुरा सोचना या उदासी महसूस करना आपकी ऊर्जा को कमजोर कर सकता है। कोशिश करें कि खुश रहें और अच्छे कामों पर ध्यान दें।
अनैतिक कार्य: पुष्य नक्षत्र में गलत या बुरे काम करने से बचना चाहिए। इस दिन किए गए गलत काम शनि के गुस्से का कारण बन सकते हैं, जो आपके लिए परेशानी खड़ी कर सकते हैं। इसलिए सच्चाई और ईमानदारी से काम करें।
खराब दान: पुरानी, बेकार या खराब चीजों का दान इस दिन नहीं करना चाहिए। ऐसा करने से लाभ की जगह नुकसान हो सकता है। अगर दान करना है तो जरूरतमंदों को अच्छी और उपयोगी चीजें दें, जिससे पुण्य मिलेगा।
पुष्य नक्षत्र में क्या उपाय करें?
काले तिल का दान: पुष्य नक्षत्र में काले तिल और तेल का दान करना बहुत अच्छा माना जाता है। यह शनि दोष को कम करता है और आपके जीवन में आने वाली परेशानियां दूर होती हैं।
गाय को चारा खिलाएं: इस दिन गाय को हरा चारा खिलाना शुभ होता है। ऐसा करने से भगवान की कृपा मिलती है और मन को शांति मिलती है। यह बहुत ही आसान और पुण्य कमाने का अच्छा तरीका है।
सूर्य देव की पूजा: पुष्य नक्षत्र में सूर्य देव की पूजा करना फायदेमंद होता है। खासकर मकर संक्रांति के दिन, सूर्य को जल चढ़ाकर उनकी आराधना करें। इससे आपकी जिंदगी में खुशियां और ऊर्जा आती है।
खरीदारी करें: पुष्य नक्षत्र का दिन नई चीजें खरीदने के लिए सबसे अच्छा होता है। इस दिन आप गहने, धन या कोई नई संपत्ति खरीद सकते हैं। इससे घर में सुख और समृद्धि आती है।
दान-पुण्य: पुष्य नक्षत्र के दिन जरूरतमंदों को अन्न, कपड़े या अन्य चीजें दान करें। यह दिन दान करने के लिए बहुत शुभ माना जाता है। दान से पुण्य मिलता है और आपकी जिंदगी बेहतर होती है।
मकर संक्रांति पर खिचड़ी का महत्व
मकर संक्रांति के दिन खिचड़ी प्रसाद के रूप में खाई जाती है। इसे मटर और अदरक मिलाकर बनाना स्वास्थ्य के लिए लाभकारी होता है। यह पाचन को बेहतर बनाती है और रोग प्रतिरोधक क्षमता को बढ़ाती है।
डिस्क्लेमर: यहां दी गई जानकारी धार्मिक मान्यताओं पर आधारित है तथा केवल सूचना के लिए दी जा रही है। News24 इसकी पुष्टि नहीं करता है।