नरक में चोरी की सजा क्या है?
संत श्री प्रेमानंद महाराज के अनुसार, जो लोग जीवनभर चोरी करते हैं, उनकी आत्मा को मरने के बाद नरक जाना पड़ता है। जहां हर तरफ अंधेरा ही अंधेरा होता है। ठंडी-ठंडी हवाएं चलती हैं। ओलों की बरसात होती है। इसी के साथ दम घुटने वाली गैस होती है, जिसके कारण सांस लेना मुश्किल हो जाता है। हालांकि ये सजा केवल कुछ समय के लिए ही नहीं होती है, बल्कि कई सालों तक आत्मा को झेलनी पड़ती है। इसके अलावा जो लोग हिंसा करते हैं, जीव-जंतु को मारते हैं और अपने बल के दम पर दूसरों को डराने का प्रयास करते हैं, उन्हें भी नरक में ये ही सजा दी जाती है।कितने प्रकार के नरक होते हैं?
गरुड़ पुराण में कुल 16 नरक का वर्णन किया गया है। जहां व्यक्ति को उसके कर्मों के आधार पर सजा दी जाती है। हालांकि पुराणों में 36 नरक का उल्लेख किया है।
बुरी आदतों को कैसे छोड़ें?
प्रेमानंद महाराज का मानना है कि यदि कोई व्यक्ति अपने पापों और बुरी आदतों से छुटकारा पाना चाहता है, तो उसे नियमित रूप से राधा रानी के नाम का जाप करना चाहिए। देवी-देवताओं के नाम में अद्भुत शक्ति होती है। यदि आप सही से इनका उच्चारण करते हैं, तो इससे मन स्थिर होता है। मन में मौजूद गंदे विचार खत्म होते हैं, जिससे एकाग्रता शक्ति बढ़ती है। भगवान के नाम जाप में न तो पैसे खर्च होते हैं और न ही ज्यादा मेहनत लगती है। आप कहीं पर भी बैठे-बैठे राधा रानी के नाप का जाप कर सकते हैं। ये भी पढ़ें- ‘सोने का कटोरा’ लेकर पैदा होने वाले लोगों के हाथ में होती है ये रेखा, करोड़पति बनना तय! डिस्क्लेमर: यहां दी गई जानकारी धार्मिक मान्यताओं पर आधारित है तथा केवल सूचना के लिए दी जा रही है। News24 इसकी पुष्टि नहीं करता है।---विज्ञापन---
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