क्या पूजा बीच में छोड़ देनी चाहिए?
प्रेमानंद महाराज से एक भक्त ने सवाल किया कि 'जब हम पूजा कर रहे हों और उसी समय बच्चा रोने लगे या कोई आवाज लगा ले तो ऐसी परिस्थिति में पूजा रोक देनी चाहिए?' जिसका जवाब देते हुए बाबा ने कहा, 'यदि आपसे पूज्य कोई व्यक्ति आया है तो ऐसे में पूजा को रोक देना चाहिए। पूजा के दौरान यदि कोई संत या अतिथि आपके घर आए हैं तो भगवान को प्रणाम करके पूजा को रोक देना चाहिए। सबसे पहले अतिथि को स्नेहपूर्वक बिठाएं और उन्हें जलपान के लिए पूछें। फिर उनसे प्रार्थना करें कि हम पूजा कर रहे थे। यदि आपकी आज्ञा हो तो पहले अपनी पूजा पूरी कर लें।' इसी के आगे भक्त ने पूछा कि 'यदि हम घर में अकेले हों और उसी समय बच्चा रोने लगे या कोई आवाज दे तो क्या करें?' इसका जवाब देते हुए प्रेमानंद महाराज ने कहा 'ऐसी परिस्थिति में व्यक्ति को उत्तर देना चाहिए और पूजा को छोड़कर बच्चे को संभालना चाहिए। बच्चों में भगवान का वास होता है। यदि वो असंतुष्ट हो तो उन्हें दूध पिलाएं, दुलार करें और फिर पूजा आरंभ करें।'कौन हैं प्रेमानंद महाराज?
धर्म गुरु प्रेमानंद महाराज एक प्रसिद्ध कथावाचक हैं, जो सत्संग और एकांतिक वार्ता के जरिए लोगों को सनातन धर्म से जुड़े नियम, उपाय और मुख्य बातों के बारे में बताते हैं। एकांतिक वार्ता के दौरान बाबा भक्तों की परेशानियां सुनते हैं और उन्हें उनका समाधान देते हैं।
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डिस्क्लेमर: यहां दी गई जानकारी धार्मिक मान्यताओं पर आधारित है तथा केवल सूचना के लिए दी जा रही है। News24 इसकी पुष्टि नहीं करता है।
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