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Non-Vegetarian Dal: क्या आप जानते हैं कि जो दाल आप खाते हैं, वो है मांसाहारी! जानें कैसे?

Non-Vegetarian Dal: क्या आप एक शुद्ध शाकाहारी हैं? लहसुन-प्याज तक का सेवन करना पसंद नहीं करते? तो फिर इस दाल को भी खाने की गलती न करें, क्योंकि ये दाल शाकाहारी नहीं बल्कि मांसाहारी है।

Author Edited By : Simran Singh Updated: Dec 3, 2024 14:04
Non-Vegetarian Dal
मांसाहारी दाल

Non-Vegetarian Dal: भारतीय खाने की थाली को दाल के बिना अधूरा माना जाता है। शायद ही कोई रसोई हो जहां दाल-चावल या दाल-रोटी न बनती हो। डॉक्टर्स से लेकर हेल्थ विशेषज्ञ तक दाल खाने की सलाह देते हैं। यहां तक कि शाकाहारियों के लिए दाल को प्रोटीन का अच्छा सोर्स माना जाता है, लेकिन क्या आप जानते हैं कि प्रोटीन युक्त दालों में से एक मसूर की दाल है जिसे कई शाकाहारी इसलिए नहीं खाते क्योंकि वो असल में मांसाहारी दाल होती है।

जी हां, दाल भी मांसाहारी होती है लेकिन ये अंडे के नॉन वेज या वेजिटेरियन वाले मिथ से अलग है। इसके पीछे धार्मिक मान्यता है। हिंदू पौराणिक कथा के अनुसार मसूर दाल को मांसाहारी माना गया है, आइए इसके बारे में विस्तार से जानते हैं।

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शाकाहारी नहीं, मांसाहारी है ये दाल

हिंदू पौराणिक कथा अनुसार मसूर की दाल को मांसाहारी बताया गया है। ज्योतिष शास्त्र के अनुसार भी मसूर की दाल शाकाहारी नहीं है। वैष्णव पद्धति का पालन करने वाले लोग या साधु-संत मसूर की दाल का सेवन नहीं करते हैं। मसूर दाल की उत्पत्ति दैत्य के रक्त गिरने से हुई है जिस वजह से इस दाल को मांसाहारी कहा जाता है।

वैदिक ज्योतिष शास्त्र के अनुसार मसूर की दाल ग्रहों का सेनापति मंगल ग्रह का प्रतिनिधित्व करती है। ऐसे लोग जो प्रतिदिन मसूर की दाल का सेवन करते हैं उनमें हिंसा या आक्रमण जैसा भाव उत्पन्न होता है। लहसुन-प्याज को जिस तरह से तामसिक या मांसाहार भोजन बताया जाता है। ठीक ऐसे ही मसूर की दाल भी तामसिक यानी मांसाहार के समान है। साधु-संत और ब्राह्मण द्वारा मसूर की दाल का सेवन नहीं किया जाता है।

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किसके रक्त से मसूर दाल हुई उत्पन्न?

हिंदू पौराणिक कथा अनुसार राहु के रक्त से मसूर की दाल उत्पन्न हुई है। मान्यता है कि भगवान विष्णु ने स्वरभानु नामक दैत्य का मस्तक काटा था लेकिन वो उस समय मरा नहीं था बल्कि शरीर के दो हिस्से जमीन पर गिर गए थे। सिर के हिस्से का नाम राहु और धड़ को केतु कहा जाता है। जहां, मस्तक कटकर गिरा और रक्त गिरा वहां मसूर की दाल उत्पन्न हुई। इस तरह से राहु के रक्त से मसूर की दाल उत्पन्न हुई और इस वजह से मसूर की दाल को मांसाहारी दाल कहा जाता है।

डिस्क्लेमर: यहां दी गई जानकारी धार्मिक मान्यताओं पर आधारित है तथा केवल सूचना के लिए दी जा रही है। News24 इसकी पुष्टि नहीं करता है।

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First published on: Dec 03, 2024 12:53 PM

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