मार्गशीर्ष महीना कब से कब तक रहेगा?
हिन्दू कैलेंडर के अनुसार नौवां महीना यानी मार्गशीर्ष माह 16 नवंबर 2024 से शुरू है। मार्गशीर्ष महीने के कृष्ण पक्ष की प्रतिपदा तिथि 16 नवंबर, शनिवार को सुबह 2 बजकर 58 मिनट पर शुरू हुई है। इस महीने का समापन शुक्ल पक्ष की पूर्णिमा तिथि को होगा। 15 दिसंबर, रविवार को रात 11 बजकर 50 मिनट पर मार्गशीर्ष मास का समापन होगा।मार्गशीर्ष मास का महत्व
मार्गशीर्ष मास में नदी स्नान के साथ-साथ दान-पुण्य आदि का खास महत्व है। इसी महीने खरमास भी लगता है जिस वजह से शुभ कार्य जैसे- विवाह, गृह प्रवेश, मुंडन, नया काम करना वर्जित होता है। इसके अलावा ये महीने भगवान विष्णु के साथ मां लक्ष्मी की पूजन और भगवान कृष्ण की पूजा-अर्चना के लिए भी जाना जाता है। ये भी पढ़ें- Numerology: शनि या विष्णु जी, डेट ऑफ बर्थ से जानें किस देव की पूजा करना रहेगा लकीमार्गशीर्ष माह के व्रत-त्योहार की लिस्ट
| तारीख | व्रत-त्योहार |
| 16 नवंबर 2024 | वृश्चिक संक्रांति |
| 18 नवंबर 2024 | गणाधिप संकष्टी चतुर्थी |
| 22 नवंबर 2024 | कालभैरव जयंती |
| 23 नवंबर 2024 | कालाष्टमी |
| 26 नवंबर 2024 | उत्पन्ना एकादशी |
| 28 नवंबर 2024 | प्रदोष व्रत |
| 29 नवंबर 2024 | मासिक शिवरात्रि |
| 30 नवंबर 2024 | दर्श अमावस्या |
| 06 दिसंबर 2024 | विवाह पंचमी |
| 07 दिसंबर 2024 | चंपा षष्ठी |
| 08 दिसंबर 2024 | भानु सप्तमी |
| 11 दिसंबर 2024 | गीता जयंती और मोक्षदा एकादशी |
| 12 दिसंबर 2024 | मत्स्य द्वादशी |
| 13 दिसंबर 2024 | प्रदोष व्रत |
| 14 दिसंबर 2024 | दत्तात्रेय जयंती |
| 15 दिसंबर 2024 | धनु संक्रांति और मार्गशीर्ष पूर्णिमा |
मार्गशीर्ष महीने में क्या करें और क्या नहीं?
- दान-पुण्य और नदी में स्नान करें।
- चांदी का दान फलदायी है।
- तामसिक भोजन का सेवन न करें।
- अपशब्द का इस्तेमाल न करें।
- जीरे का सेवन न करें।