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Religion

Ram Shayya: त्रेता युग में यहां विश्राम करते थे राम-सीता, कलयुग में भी मिलते हैं प्रमाण

Chitrakoot Ram Shayya: भगवान राम और माता सीता के होने के कई प्रमाण आज भी कलयुग में मिलते हैं। चित्रकूट के समीप राम शैय्या जगह स्थित है, जहां प्रभु श्रीराम और माता सीता के विश्राम चिन्ह साफ तौर पर दिखाई देते हैं। चलिए विस्तार से जानते हैं राम शैय्या से जुड़ी रोचक बातों के बारे में।

Author Written By: News24 हिंदी Author Edited By : Nidhi Jain Updated: Jun 9, 2025 11:10
Chitrakoot Ram Shayya
सांकेतिक फोटो, Credit- News24 Graphics

Chitrakoot Ram Shayya: त्रेता युग में भगवान विष्णु और धन की देवी मां लक्ष्मी राम जी और देवी सीता के रूप में धरती पर आए थे। राम जी को 14 वर्ष का वनवास मिला था। पौराणिक कथाओं के अनुसार, वनवास काल का सबसे अधिक समय भगवान राम और देवी सीता ने चित्रकूट में व्यतीत किया था।

चित्रकूट, उत्तर प्रदेश और मध्य प्रदेश के सतना जिले की सीमा के पास स्थित है, जिसे चित्रकूट धाम के नाम से भी जाना जाता है। चित्रकूट से करीब 10 किलोमीटर दूर खोही-भरतकूप मार्ग पर राम शैय्या स्थित है, जिससे राम भक्तों की खास आस्था जुड़ी है। माना जाता है कि यहां पर आज भी राम जी और देवी सीता के त्रेता युग में मौजूद होने के प्रमाण मिलते हैं।

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चट्टान पर दिखाई देते हैं चिन्ह

राम शैय्या में एक विशाल चट्टान है, जिसके ऊपर प्रभु श्रीराम और माता सीता के विश्राम चिन्ह साफ तौर पर दिखाई देते हैं। चट्टान बहुत बड़ी है, जिसे देखकर भक्त प्रभु श्रीराम के शरीर की लंबाई का अंदाजा लगाते हैं। मान्यता है कि इसी चट्टान पर त्रेता युग में भगवान राम और माता सीता विश्राम किया करते थे। इसी वजह से इसे राम सैय्या व राम शैय्या के नाम से जाना जाता है।

कहा जाता है कि इस शिला पर जब भगवान राम लेटे थे तो ये विशाल चट्टान मोम की तरह पिघल गई, जिससे उनके लेटने का प्रमाण उसमें आज भी साफ-साफ देखने को मिलता है। शिला के पास एक धनुष और बाण की भी आकृति साफ दिखाई देती है।

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दर्शन मात्र से होती है राम लोक की प्राप्ति

राम शैय्या से स्थानीय लोगों की खास आस्था जुड़ी है। रोजाना यहां पर बड़ी संख्या में भक्तजन प्रभु श्रीराम और माता सीता के विश्राम चिन्ह के दर्शन करने आते हैं। श्रद्धालुओं का मानना है कि राम-सीता की विश्राम शिला के दर्शन करने मात्र से साधक को राम लोक की प्राप्ति हो सकती है।

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डिस्क्लेमर: यहां दी गई जानकारी धार्मिक मान्यताओं पर आधारित है तथा केवल सूचना के लिए दी जा रही है। News24 इसकी पुष्टि नहीं करता है।

First published on: Jun 09, 2025 11:10 AM

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