व्रतधारी न करें ये काम
प्रचलित मान्यता के अनुसार, जो लोग वैशाख पूर्णिमा का व्रत रखते हैं, उन्हें जब तक संध्या पूजा न कर लें, अन्न-जल ग्रहण करने से बचना चाहिए। कहते हैं, इससे व्रत भंग हो जाता है, जो सौभाग्य और स्वास्थ्य के लिए अच्छा नहीं माना गया।तामसिक और सामिष भोजन से परहेज
जैसा कि धार्मिक ग्रंथों में बताया गया है कि पूर्णिमा की तिथि एक सात्विक तिथि है। इस दिन किसी भी प्रकार के तामसिक और सामिष भोजन यानी किसी भी प्रकार के मांसाहार (नॉनवेज), जैसे- मांस, मछली, अंडा, शराब, लहसुन, प्याज आदि लेने से पूर्णतः परहेज ही नहीं, बल्कि छूने से भी बचना चाहिए। इस तिथि को मसूर दाल भी खाने से मना किया जाता है, क्योंकि यह भी तामसिक माना जाता है। इससे देवी लक्ष्मी सहित भगवान विष्णु भी रुष्ट हो जाते हैं।किसी का दुर्व्यवहार और अपमान करने से बचें
पूर्णिमा के दिन माता-पिता और बड़े-बुजुर्गों का मन, वचन और कर्म किसी भी प्रकार से दुर्व्यवहार और अपमान नहीं करना चाहिए। इससे देवता सहित पितर भी नाराज हो जाते हैं। केवल यही नहीं बल्कि इस दिन किसी को भी बुरा-भला बोलने से बचना चाहिए। ये भी पढ़ें: क्या आपकी भी हथेली पर है तिल? यह शुभ है या अशुभ; क्या पड़ेगा असर, जानें यहांबुरे काम और हिंसा से परहेज
धार्मिक ग्रंथों की मान्यता के अनुसार, पूर्णिमा तिथि के दिन हर तरह के अनैतिक, बुरे और गंदे काम करने से बचना चाहिए। साथ ही, किसी जानवर या पशु को भी कष्ट नहीं पहुंचाना चाहिए। यह धन की आमद में बाधा बन सकता है। ये भी पढ़ें: 7 संकेतों को न करें इग्नोर, ये हो सकते हैं खराब राहु के लक्षण, करें 3 वास्तु उपाय, दूर हो जाएगा राहु दोष
डिस्क्लेमर: यहां दी गई जानकारी धार्मिक मान्यताओं पर आधारित है तथा केवल सूचना के लिए दी जा रही है। News24 इसकी पुष्टि नहीं करता है।