Astro Tips: हिंदू धर्म में रविवार का विशेष महत्व है, क्योंकि यह दिन सूर्य देव को समर्पित है। ज्योतिष शास्त्र में सूर्य को ग्रहों का राजा माना जाता है, जो आत्मविश्वास, सम्मान, स्वास्थ्य, नेतृत्व क्षमता और करियर में उन्नति का प्रतीक है। सूर्य न केवल जीवन का आधार है, बल्कि यह व्यक्ति की कुंडली में भी महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है।
गरुड़ पुराण, पद्म पुराण, स्कंद पुराण और बृहत पराशर होरा शास्त्र जैसे वैदिक ग्रंथों में रविवार को कुछ कार्यों को करने की सख्त मनाही है, क्योंकि ये काम आपकी कुंडली में सूर्यदेव की ऊर्जा को कमजोर कर सकते हैं। इन कार्यों को करने से जीवन में आर्थिक, स्वास्थ्य, सामाजिक और मानसिक समस्याएं उत्पन्न हो सकती हैं। आइए जानते हैं कि रविवार के दिन किन कामों को नहीं करना चाहिए और इनको करने से क्या नुकसान हो सकता है?
काले, नीले या गहरे रंग के कपड़े पहनना
गरुड़ पुराण और ज्योतिषीय मान्यताओं के अनुसार, रविवार को काले, नीले, कत्थई या अन्य गहरे रंग के कपड़े पहनने से बचना चाहिए। काला और नीला रंग शनि और राहु-केतु का प्रतीक माना जाता है, जो सूर्य के साथ शत्रुता रखते हैं। सूर्य का रंग लाल, नारंगी, सुनहरा या पीला होता है, जो सकारात्मक ऊर्जा और तेज का प्रतीक है।
इन रंगों के कपड़े पहनने से कुंडली में सूर्य की स्थिति कमजोर हो सकती है, जिसके परिणामस्वरूप आत्मविश्वास में कमी, नौकरी या व्यवसाय में रुकावटें, और सामाजिक प्रतिष्ठा को नुकसान हो सकता है। इसके अलावा, स्वास्थ्य समस्याएं जैसे सिरदर्द, नेत्र रोग या त्वचा संबंधी परेशानियां भी उत्पन्न हो सकती हैं।
मांस-मदिरा का सेवन
पद्म पुराण में सूर्य देव को शुद्धता और सात्विकता का प्रतीक बताया गया है। रविवार को मांसाहार, मछली, अंडा या मदिरा का सेवन करना सूर्य की ऊर्जा को कमजोर करता है। इस दिन सात्विक भोजन जैसे फल, दूध, अनाज, और हल्का भोजन ग्रहण करना चाहिए, जो सूर्य देव को प्रसन्न करता है।
मांस-मदिरा का सेवन करने से मानसिक शांति भंग होती है और कुंडली में सूर्य दोष उत्पन्न हो सकता है। इससे हृदय रोग, पेट की समस्याएं, और मानसिक तनाव जैसी स्वास्थ्य समस्याएं हो सकती हैं। इसके साथ ही, पारिवारिक और सामाजिक जीवन में तनाव और अनबन की स्थिति बन सकती है।
लोहे या हार्डवेयर की खरीदारी
आम लोगों में धारणा है कि शनिवार को ही लोहा नहीं खरीदना चाहिए। बृहत पराशर होरा शास्त्र के अनुसार, रविवार को भी लोहे से बनी वस्तुओं जैसे हार्डवेयर, औजार, वाहन के पुर्जे या निर्माण सामग्री की खरीदारी नहीं करनी चाहिए। लोहा शनि ग्रह का प्रतीक है और सूर्य-शनि पिता-पुत्र होने के बाद भी एक दूसरे के शत्रु माने जाते हैं।
इस दिन लोहे की खरीदारी सूर्य की ऊर्जा के साथ टकराव पैदा कर सकती है। लोहे की खरीदारी से आर्थिक हानि, व्यापार में नुकसान, और घर में अशांति हो सकती है। निर्माण कार्यों में देरी, वाहन खराब होने, या तकनीकी समस्याएं उत्पन्न हो सकती हैं। यह सूर्य दोष को बढ़ाकर करियर और स्वास्थ्य पर भी नकारात्मक प्रभाव डाल सकता है।
सूर्यास्त के बाद नमक का सेवन
ज्योतिषीय मान्यताओं और वैदिक ग्रंथों में सूर्यास्त के बाद नमक का सेवन करने की मनाही है। नमक को चंद्र और शनि का प्रतीक माना जाता है, जो सूर्य की ऊर्जा के विपरीत कार्य करता है। रविवार को सूर्य की शक्ति बनाए रखने के लिए सूर्यास्त के बाद नमक से परहेज करना चाहिए।
सूर्यास्त के बाद नमक का सेवन करने से स्वास्थ्य समस्याएं जैसे पाचन तंत्र की गड़बड़ी, रक्तचाप में उतार-चढ़ाव, और थकान बढ़ सकती है। यह सूर्य की सकारात्मक ऊर्जा को कम करता है, जिससे मानसिक तनाव, आर्थिक परेशानियां, और पारिवारिक अशांति की स्थिति बन सकती है।
बड़ों से विवाद या अपमान करना
स्कंद पुराण में सूर्य को पिता, गुरु और सम्मान का प्रतीक माना गया है। रविवार को माता-पिता, गुरु, या बड़ों का अपमान करना या उनसे विवाद करना सूर्य की सकारात्मक ऊर्जा को कमजोर करता है। इस दिन परिवार और समाज में प्रेम, सम्मान और सौहार्द बनाए रखना चाहिए।
बड़ों के साथ विवाद या अपमान से कुंडली में सूर्य की स्थिति कमजोर होती है, जिससे करियर में असफलता, सामाजिक मान-सम्मान में कमी, और आत्मविश्वास की हानि हो सकती है। यह पारिवारिक रिश्तों में तनाव, मानसिक अशांति, और दीर्घकालिक असंतोष का कारण बन सकता है।
डिस्क्लेमर: यहां दी गई जानकारी अंकज्योतिष शास्त्र की मान्यताओं पर आधारित है तथा केवल सूचना के लिए दी जा रही है। News24 इसकी पुष्टि नहीं करता है।
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