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Religion

Ganga Saptami: गंगा सप्तमी पर आज भूलकर भी न करें ये 5 काम, वरना पूरे साल झेलनी पड़ सकती है आर्थिक तंगी

गंगा सप्तमी न केवल एक धार्मिक पर्व है, बल्कि यह आध्यात्मिक और पर्यावरणीय शुद्धता का प्रतीक भी है। इस दिन 5 खास बातों का ध्यान रखकर हम गंगा मां की कृपा पा सकते हैं और जीवन में सुख, शांति व समृद्धि सुनिश्चित कर सकते हैं। आइए जानते हैं, क्या है ये 5 बातें?

Author Edited By : Shyamnandan Updated: May 3, 2025 08:42
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गंगा सप्तमी हिन्दू धर्म में एक अत्यंत पुण्यदायी तिथि मानी गई है। वैशाख मास के शुक्ल पक्ष की सप्तमी तिथि को यह पर्व मनाया जाता है। इस वर्ष गंगा सप्तमी 3 मई 2025 को मनाई जा रही है। धार्मिक मान्यताओं के अनुसार, इस दिन मां गंगा का धरती पर अवतरण हुआ था। तभी से यह दिन गंगा माता की पूजा, स्नान, दान-पुण्य और आध्यात्मिक शुद्धि का प्रतीक बन गया।

ऐसी मान्यता है कि गंगा सप्तमी के दिन यदि व्यक्ति पूर्ण श्रद्धा और नियमों का पालन करते हुए स्नान व पूजन करता है, तो उसे पापों से मुक्ति मिलती है और आर्थिक संकट भी दूर होते हैं। लेकिन ध्यान रखें, इस दिन कुछ विशेष कार्य भूलकर भी नहीं करने चाहिए। यदि ऐसा किया जाए, तो वर्षभर आर्थिक तंगी, मानसिक तनाव और अशांति का सामना करना पड़ सकता है। आइए जानते हैं गंगा सप्तमी के दिन किन 5 बातों का विशेष ध्यान रखना चाहिए?

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स्नान करते समय दिशा का रखें ध्यान

गंगा में स्नान करते समय हमेशा धारा की दिशा की ओर मुख करके स्नान करें या पूर्व दिशा और सूर्य की ओर मुंह करके स्नान करना शुभ होता है। इससे पवित्रता बनी रहती है और सूर्यदेव व गंगा माता की कृपा प्राप्त होती है।

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इस दिन न करें ये काम

गंगा सप्तमी के दिन किसी की अस्थियां प्रवाहित करना या पुराने कपड़े गंगा में छोड़ना वर्जित माना गया है। इससे गंगा जी की शुद्धता भंग होती है और घर में दरिद्रता का वास हो सकता है।

न रखें नकारात्मक भाव

गंगा स्नान केवल शरीर की शुद्धि के लिए नहीं, बल्कि मन की पवित्रता के लिए भी होता है। यदि मन में छल, द्वेष या कपट की भावना हो, तो स्नान का पुण्य फल नहीं मिलता। सच्चे मन और श्रद्धा से स्नान करें।

गंगा में न फेंके ये वस्तुएं

गंगा माता को हिन्दू धर्म में देवी का दर्जा प्राप्त है। इसलिए इस दिन गंगा में कोई भी अशुद्ध वस्तु, प्लास्टिक, पूजा का कचरा या अन्य गंदगी नहीं फेंकनी चाहिए। यह पर्यावरण के साथ-साथ आध्यात्मिक दृष्टि से भी अशुभ माना जाता है।

जरूर करें मंत्रों का जाप

गंगा सप्तमी के दिन गंगा स्नान करते समय ‘गंगा स्तोत्र’, ‘गंगा आरती’, गंगा चालीसा और मंत्रों का पाठ करना अत्यंत फलदायी होता है। इससे आत्मिक शांति मिलती है और मां गंगा की विशेष कृपा प्राप्त होती है।

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डिस्क्लेमर: यहां दी गई जानकारी ज्योतिष शास्त्र की मान्यताओं पर आधारित है तथा केवल सूचना के लिए दी जा रही है। News24 इसकी पुष्टि नहीं करता है।

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Shyamnandan

First published on: May 03, 2025 08:42 AM

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