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Religion

हाथी पर सवार होकर आएंगी जगतजननी, जानिए क्या है माता की इस सवारी का मतलब?

साल 2025 में चैत्र माह की नवरात्रि की शुरुआत 30 मार्च दिन रविवार से हो रही है। इस कारण माता का आगमन हाथी पर हो रहा है। इसके साथ ही इस साल काफी शुभ योग भी बन रहे हैं।

Author Edited By : Mohit Updated: Mar 19, 2025 20:42
maa durga chaitra navratri
चैत्र नवरात्रि

चैत्र माह के शुक्ल पक्ष की प्रतिपदा से माता के नौ दिनों की शुरुआत हो जाती है। इन नौ दिनों में माता दुर्गा के 9 स्वरूपों का पूजन किया जाता है। साल 2025 में माता दुर्गा का आगमन हाथी पर हो रहा है। शास्त्रों में माता का हाथी पर आगमन शुभ माना जाता है। यह अच्छी वर्षा और समृद्धि का संकेत माना जाता है।

नवरात्रि में 9 दिन को प्रमुख माना जाता है और माता का प्रस्थान दशमी के दिन होता है। माता के आगमन और प्रस्थान के दिन के अनुसार ही वाहन तय होता है कि माता किस वाहन पर आएंगी।

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कब से हैं नवरात्रि 2025?

हिंदू पंचांग के अनुसार चैत्र माह के शुक्ल पक्ष की प्रतिपदा तिथि 29 मार्च की शाम 4 बजकर 27 मिनट से शुरू हो जाएगी। यह 30 मार्च की दोपहर 12 बजकर 49 मिनट तक रहने वाली है। उदया तिथि के अनुसार इस साल नवरात्रि की शुरुआत 30 मार्च 2025 से होगी। इसके साथ ही इस बार 6 अप्रैल 2025 को नवमी मनाई जाएगी। तिथि मतांतर के कारण इस बार नवरात्रि 8 दिन ही रहेगी। 7 अप्रैल को दशमी के दिन माता का प्रस्थान होगा।

हाथी पर सवार होकर आएंगी माता

चैत्र नवरात्रि की शुरुआत रविवार के दिन से हो रही है। अगर नवरात्रि की शुरुआत रविवार या सोमवार को होती है तो माता हाथी पर सवार होकर आती हैं। वहीं, माता प्रस्थान भी सोमवार के दिन हो रहा है। इस कारण माता हाथी पर बैठकर ही प्रस्थान करेंगी। माता का हाथी पर आगमन और प्रस्थान काफी शुभ माना जाता है। अगर माता हाथी पर आती हैं तो भरपूर वर्षा , समृद्धि, शांति और अच्छी फसल के योग बनते हैं। वहीं, हाथी पर प्रस्थान से भी उन्नति, खुशहाली और संपन्नता आती है।

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दिन के हिसाब से होता है वाहन

अगर नवरात्रि की शुरुआत मंगलवार और शनिवार को होती है तो माता घोड़े पर आती हैं। अगर समाप्ति इन दिनों में होती है तो माता घोड़े पर ही वापस जाती हैं। ऐसा होने से युद्ध, संघर्ष, राजनीतिक अस्थिरता, समाज में तनाव, विपत्तियों की संभावना बनती है।अगर गुरुवार या शुक्रवार के दिन नवरात्रि का आरंभ और समापन होता है तो माता पालकी या डोली में आती और जाती हैं। इसको शुभ नहीं माना जाता है। इसका अर्थ अस्थिरता और चुनौतियां हैं। नवरात्रि की शुरुआत बुधवार से होती है तो माता नौका पर आती हैं। अगर समापन भी बुधवार को होता है तो माता नौका से जाती हैं। इसको आपदा से मुक्ति और जीवन में शांति का प्रतीक माना गया है।

डिस्क्लेमर: यहां दी गई जानकारी धार्मिक शास्त्र की मान्यताओं पर आधारित है तथा केवल सूचना के लिए दी जा रही है। News24 इसकी पुष्टि नहीं करता है।

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Edited By

Mohit

First published on: Mar 19, 2025 08:42 PM

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