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Religion

Ahoi Ashtami 2024: अहोई अष्टमी आज, शाम में होगी तारों की पूजा, मिलेगा मात्र इतना समय; नोट कर लें शुभ मुहूर्त!

Ahoi Ashtami 2024: कार्तिक कृष्ण पक्ष की अष्टमी को संतानवती महिलाएं अपने संतान के दीर्घायु होए और उनकी सुख-समृद्धि के लिए अहोई अष्टमी का निर्जल व्रत रखती हैं। साल 2024 में यह आज मनाई जा रही है और शाम में तारों की पूजा की जाएगी। आइए जानते हैं, पूजा का शुभ मुहूर्त, पूजा विधि और महत्व।

Author Edited By : Shyamnandan Updated: Oct 24, 2024 08:14
Ahoi-Ashtami-2024

Ahoi Ashtami 2024: अहोई अष्टमी का पर्व आज गुरुवार 24 अक्टूबर को मनाया जा रहा है। इस मौके पर संतानवती महिलाएं अपने संतान के दीर्घायु होए और उनकी सुख-समृद्धि के लिए अहोई अष्टमी का निर्जल व्रत रखती हैं। यह व्रत हर साल कार्तिक मास में कृष्ण पक्ष की अष्टमी तिथि को रखा जाता है। आइए जानते हैं, अहोई अष्टमी के अवसर पर तारों की पूजा का क्या महत्व है, आज तारों की कितने बजे की जाएगी और पूजा की विधि क्या है?

अहोई अष्टमी का महत्व

अहोई अष्टमी के शुभ मौके पर शाम के समय अहोई माता की तस्वीर के सामने विधि विधान से पूजा अर्चना की जाती। इस दिन माता पार्वती के अहोई स्वरूप की आराधना की जाती है और महिलाएं अपनी संतान के रक्षा के लिए लिए बिना अन्न-जल ग्रहण किए निर्जला व्रत रखती हैं। व्रतराज ग्रंथ के मुताबिक़, इस व्रत को रखने से बाल-बच्चे दीर्घायु होती हैं। वे स्वस्थ रहते हैं और रोगों से उनकी रक्षा होती है। मान्यता है कि जो महिलाएं नि:संतान हैं, यदि वे महिलाएं भी बच्चे की कामना में अहोई अष्टमी का व्रत रखती हैं, तो उनकी मुराद जरूर पूरी होती हैं। शाम को व्रत कथा का पाठ किया जाता है और तारों का अर्घ्य दिया जाता है।

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क्यों की जाती है तारों की पूजा?

धार्मिक मान्यताओं के अनुसार, अहोई अष्टमी के दिन तारों के दर्शन और पूजन की परंपरा है. कहते है, जिस प्रकार आसमान में अनगिनत तारे हैं, उसी प्रकार अहोई अष्टमी पूजा से कुल-खानदान में अनगिनत संतान होती है। इस व्रत में माताएं पूजा-अर्चना के दौरान आकाश में जैसे तारे चमकते हैं, वैसे ही घर में जन्म लेने वाले बच्चों के लिए उज्ज्वल भविष्य की कामना करती हैं।

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तारों की पूजा का शुभ मुहूर्त

बृहस्पतिवार 24 अक्टूबर, 2024 के दिन अहोई अष्टमी पूजा का मुहूर्त है शाम में 5 बजकर 42 मिनट से 6 बजकर 59 मिनट तक है। इस प्रकार पूजा की कुल अवधि 1 घंटा 17 मिनट रहेगी।

अहोई अष्टमी पूजा मुहूर्त: 05:45 PM से 07:02 PM

कुल अवधि: 1 घण्टा 17 मिनट्

इस दिन तारों को देखने का समय शाम में 6:06 मिनट के बाद है, जबकि चंद्रोदय का समय रात 11:55 मिनट पर है।

तारों को देखने के लिये शाम का समय: 06:10 पी एम

अहोई अष्टमी के दिन चन्द्रोदय समय: 11:55 पी एम

अहोई अष्टमी व्रत और पूजा विधि

  • इस दिन माताएं और महिलाएं सुबह उठकर व्रत का संकल्प लें। सुबह ही स्नान कर लेना चाहिए और साफ वस्त्रों को धारण कर लेना चाहिए।
  • दीवार पर गेरू या कुमकुम से देवी अहोई की छवि निर्मित करें।
  • शाम को पूजा सही मुहूर्त देख करें। पूजा में 8 पूड़ी, 8 पुआ तथा हलवा जरुर रखें।
  • पूजा के दौरान व्रत की कथा जरुर सुनें या पढ़ें। कथा सुनने के बाद देवी से बच्चों की रक्षा की प्रार्थना करें।
  • इस दिन सेई की भी पूजा की जाती है तथा सेई को हलवा एवं सरई की सात सींकें अर्पित की जाती हैं।
  • पूजा के बाद अहोई अष्टमी की आरती करें। आकाश में तारों को देख कर व्रत का पारण करें।

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डिस्क्लेमर: यहां दी गई जानकारी ज्योतिष शास्त्र की मान्यताओं पर आधारित है तथा केवल सूचना के लिए दी जा रही है। News24 इसकी पुष्टि नहीं करता है।

First published on: Oct 24, 2024 07:58 AM

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