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Budh Chalisa। बुध चालीसा: जयति जयति बुध देव दयाला… Budh Dev Chalisa Lyrics In Hindi

Budh Chalisa In Hindi: ज्योतिष शास्त्र में बुध ग्रह का खास महत्व है, जो कि व्यक्ति की बुद्धि, तर्क क्षमता, शिक्षा, वाणी, संचार, ज्ञान, हास्य-विनोद, गणित, लेखन प्रतिभा, व्यापार, करियर और संवाद आदि का प्रतिनिधित्व करते हैं. यदि आप भी बुध ग्रह की विशेष कृपा पाना चाहते हैं तो नियमित रूप से उनकी पूजा करें और बुध चालीसा सुनें या पढ़ें.

Credit- Social Media

Budh Chalisa Lyrics In Hindi: नवग्रहों में से एक बुध ग्रह का ज्योतिष शास्त्र में खास महत्व है. धार्मिक मान्यता के अनुसार, जिन लोगों की कुंडली में बुध ग्रह मजबूत स्थिति में सही स्थान पर विराजमान होते हैं, उन्हें हर काम में सफलता मिलती है. साथ ही वाणी में मिठास आती है और तर्क क्षमता में सुधार होता है. इसके अलावा व्यक्ति को करियर में सफलता मिलने की संभावना ज्यादा होती है.

यदि आप भी बुध ग्रह यानी बुध देव की विशेष कृपा पाना चाहते हैं तो नियमित रूप से उनकी पूजा करें और उन्हें समर्पित चालीसा का पाठ करें. इससे न सिर्फ आपका दिमाग तेज होगा, बल्कि जीवन में आ रही तमाम परेशानियां भी कम होने लगेंगी. यहां पर आप बुध चालीसा के सही लिरिक्स पढ़ सकते हैं.

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बुध चालीसा (Budh Chalisa Lyrics In Hindi)

॥ दोहा ॥

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नमो नमो जय श्री बुध राजा। करहुं कृपा मोहि जानि कायर अधम का॥
करहुं कृपा कृपानिधि बुध सदा सहाय। रोग दोष दुख हरो अनाथ के नाथ॥

॥ चौपाई ॥

जयति जयति बुध देव दयाला। सदा करत जो सुकृत प्रतिपाला॥
जटा मुकुट सिर शोभित भारी। त्रिपुण्ड चंदन रेखा प्यारी॥
गरल कनठ सर्प जग माला। नाग कंकन कर मंडित भाला॥
ब्रह्म रूप वर शुभ्र सरीरा। करत सदा जन कल्याण अधीरा॥
श्वेत कमल आसन मन भावा। संत करत सदा मंगल ध्यावा॥
कुंजल बिराजत छवि नयनी। अति मनोहर मंगल गुन खानी॥
काटत पातक पंक भरारा। बुध ग्रह दुष्ट नरक सँसारा॥
सुख सृखावत सब फल साता। रोग दोष संकट हरण विधाता॥
बुध की महिमा अपरंपारा। किया जानि मनुज दुख निवारा॥
लाख के वचन धरत दर साता। रोग हरण बुध दया विहाता॥
ग्रह अनिष्ट जो नर पर छाए। रोग दोष भय मिटै नहिं जाऐ॥
तिन्ह पर बुद्ध अनुग्रह होई। काटि दै सब संकट मोहे॥
जनम जनम के पातक भारी। काटि दै सब बुध मति तारी॥
सुर नर मुनि नित्य गुण गावे। यश गावत बुध सुख पावे॥
रोग दोष संकट सब हारी। धरहुं धीर बुध हरहु पाप भारी॥
नित नव मंगल करत सवारी। रोग दोष बुध हरहु भारी॥
अधम कायर मतिहीन हमारा। करहुं कृपा बुध हरो दुख सारा॥
सुख संपत्ति दै करहुं उपाई। जन मन रंजन मंगल लाई॥
बुध सुधी सील रूप सुहावा। संत ध्यावत मंगल भावा॥
विनय करौं बुध देव तुम्हारी। संकट हरो हे पातक भारी॥
अधम कायर सुबुद्धि सुधारा। करहुं कृपा हरो दुख सारा॥
महा संकट में तिन्हें उबारो। अधम कायर सुबुद्धि सुधारो॥
हरहुं पाप बुध महा विधाता। सुर नर मुनि सदा शुभ गाता॥
बुध की महिमा अपार पावे। अधम कायर सब संकट हरे॥
जयति जयति बुध देव सहाय। कृपा करहुं हरहुं सब भय॥

॥ दोहा ॥

नमो नमो जय बुध सुख कारी। दुख दारिद्र्य मिटाओ भारी॥
यह चालीसा बुध ग्रह का पाठ। करहुं कृपा बुध हरो सब कष्ट॥

|| इति संपूर्णंम् ||

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बुध चालीसा पढ़ने व सुनने के लाभ (Budh Chalisa Benefits)

  • दिमाग तेज होता है.
  • वाणी में मधुरता आती है.
  • संवाद क्षमता में सुधार होता है.
  • व्यापार में लाभ होता है.
  • बुध दोष से छुटकारा मिलता है.
  • रोग और शारीरिक कष्ट से मुक्ति मिलती है.
  • जीवन में सुख, शांति और संतोष का वास होता है.

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डिस्क्लेमर: यहां दी गई जानकारी धार्मिक मान्यताओं पर आधारित है और केवल सूचना के लिए दी जा रही है. News24 इसकी पुष्टि नहीं करता है.


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