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World IVF Day: आज वर्ल्ड आईवीएफ डे मनाया जा रहा है। IVF उन लोगों के लिए ऐसा विकल्प बनकर आया है जो माता-पिता नहीं बन पाते हैं। कई बार महिलाएं इस समस्या से सिर्फ इस वजह से जूझती हैं क्योंकि उनका शरीर न्यूट्रिएंट की कमी को झेलता है। ऐसे में उनकी प्रजनन शक्ति कम हो जाती है जिस वजह से भ्रूण का विकास नहीं हो पाता है। इस बारे में NIIMS मेडिकल कॉलेज एवं अस्पताल के प्रसूति एवं स्त्री रोग विभाग की डॉक्टर काजल सिंह कहती है कि सही खानपान और पोषक तत्वों से भरपूर आहार महिलाओं की प्रजनन शक्ति को मजबूत बना सकता है।

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हरी पत्तेदार सब्जियां- पालक, मेथी, सरसों का साग और बथुआ जैसी हरी पत्तेदार सब्जियां आयरन, फोलिक एसिड और फाइबर से भरपूर होती हैं। ये हार्मोन को संतुलित रखने और एग क्वालिटी को बढ़ाने में मदद करती हैं।
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फल- स्ट्रॉबेरी, ब्लूबेरी, अनार और केला एंटीऑक्सीडेंट्स से भरपूर फल होते हैं, जो शरीर में सूजन को कम करते हैं और फर्टिलिटी को बेहतर बनाते हैं। ये फल शरीर को ऊर्जा भी प्रदान करते हैं और हार्मोनल बैलेंस बनाए रखते हैं।

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ड्राई फ्रूट्स एंड नट्स- बादाम, अखरोट, अलसी के बीज, चिया सीड्स और कद्दू के बीज में ओमेगा-3 फैटी एसिड, जिंक और विटामिन-ई होता है, जो ओवरीज को स्वस्थ रखता है। यह गर्भधारण की संभावनाओं को बढ़ाते हैं और पीरियड्स के समय होने वाली तकलीफों को भी कम करते हैं।
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दूध और दूध से बनें फूड्स- दूध, दही, पनीर आदि में कैल्शियम और विटामिन-डी भरपूर मात्रा में होता है। यह हड्डियों को मजबूत करता है और हार्मोनल सिस्टम को संतुलित रखता है। ऐसे फूड्स न सिर्फ महिलाओं की प्रजनन क्षमता को बढ़ाते हैं

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अंडा और मछली- अंडा प्रोटीन और कोलीन का अच्छा सोर्स होते हैं, जो भ्रूण के विकास के लिए जरूरी होता है। वहीं, मछली, खासकर सैल्मन और ट्यूना में ओमेगा-3 होता है, जो यूट्रस की सेहत के लिए फायदेमंद होता है।

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साबुत अनाज- ओट्स, ब्राउन राइस, क्विनोआ और गेहूं से बने फूड्स खाने चाहिए। इनमें फाइबर और आयरन भरपूर मात्रा में होता है। ये इंसुलिन लेवल को नियंत्रित करने में मदद करते हैं, जो हार्मोन के संतुलन के लिए बहुत जरूरी है।

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पानी और हर्बल चाय- पर्याप्त मात्रा में पानी पीना शरीर को हाइड्रेटेड रखता है और टॉक्सिन्स को बाहर निकालता है। तुलसी या अदरक की चाय जैसे हर्बल टी गर्भाशय की सफाई में मदद करते हैं और प्रजनन अंगों को स्वस्थ बनाए रखते हैं।