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Ramayan Story: रामायण काल में भगवान राम ने माता सीता को रावण की कैद से छुड़ाने वानर सेना के साथ मिलकर युद्ध किया था. भगवान राम की वानर सेना में एक से एक योद्धा थे. इसके साथ ही रामायण काल में बाली एक शक्तिशाली योद्धा थे. आपको वानर सेना के शक्तिशाली योद्धाओं और इनकी शक्तियों के बारे में बताते हैं.

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भगवान राम की वानर सेना में हनुमान जी समेत कई वानर योद्धा थे. इन सभी योद्धाओं की शक्ति और समर्पण के बल पर ही भगवान राम ने लंका पर विजय हासिल की थी. चलिए इन वानर योद्धाओं के बारे में जानते हैं.

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हनुमान जी - हनुमान जी बहुत ही शक्तिशाली योद्धाओं में से एक थे. उनके पास शारीरिक बल, उड़ने की क्षमता और अष्ट सिद्धियां थीं. उनके पास बहुत ही अधिक शारीरिक बल था. हनुमान जी ने समुद्र पार कर माता सीता की खोज की थी और लंका दहन किया था और कई बड़े काम किये थे. हनुमान जी की मुलाकात प्रभु श्रीराम से ऋष्यमूक पर्वत पर हुई थी.

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बाली - बाली बहुत ही शक्तिशाली वानर योद्धा थे. वह किष्किंधा के वानर राजा थे और बाली इंद्र के पुत्र और सुग्रीव के बड़े भाई थे. बाली के पास ऐसी शक्ति थी कि, युद्ध के दौरान प्रतिद्वंद्वी की आधी शक्ति वह अपने अंदर समाहित कर लेता था. राम जी ने सुग्रीव की मदद की थी और उसके भाई का वध कर सुग्रीव की पत्नी का अपहरण से छुड़ाया था. बाली अपने अंतिम क्षणों में राम जी से मिला था.

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सुग्रीव - सुग्रीव किष्किंधा के वानर साम्राज्य का राजा था. वह बाली का छोड़ा भाई था. सुग्रीव में बहुत अधिक बल था. वह बहुत ही शक्तिशाली था. राम जी की सुग्रीव से मुलाकात सीता की खोज में किष्किंधा पहुंचने पर हुई थी.

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अंगद - अंगद बहुत ही शक्तिशाली योद्धा थे. वह राजा बाली और तारा के पुत्र और सुग्रीव के भतीजे थे. अंगद के पास अभूतपूर्व शारीरिक शक्ति और अटल पैर की शक्ति थी. उन्होंने रावण की सभा में अपना पैर जमाकर बड़ी चुनौती दी थी जिसे कोई पूरा नहीं कर सका था.

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द्विविद वानर - अत्यंत शक्तिशाली और मायावी वानर द्विविद सुग्रीव का मंत्री था. द्विविद वानर के पास शारीरिक शक्ति, पर्वतों और पेड़ों को उखाड़ने का बल था. यह सभी वानर बहुत ही शक्तिशाली थे.

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(All Photo Credit - Social Media) डिस्क्लेमर: यहां दी गई जानकारी धार्मिक मान्यताओं पर आधारित है तथा केवल सूचना के लिए दी जा रही है. News24 इसकी पुष्टि नहीं करता है.