
1 / 10
(Matul Sharma) Lathmar Holi Barsana 2025 : बरसाना की लट्ठमार होली भारत की सबसे प्रसिद्ध होली परंपराओं में से एक है। साल 2025 की होली से पहले बरसाना में लट्ठमार होती खेली गई, यहां देखें तस्वीरें

2 / 10
14 मार्च को देश में होली का त्योहार मनाया जाना है। इससे पहले विश्व प्रसिद्ध बरसाना की लट्ठमार होली बड़े ही उत्साह और उमंग के साथ खेली गई।

3 / 10
राधारानी रूपी गोपियों ने नंदगांव के कृष्ण रूपी हुरियारों पर जमकर लाठियां बरसाईं। हंसी-ठिठोली, गाली, अबीर-गुलाल तथा लाठियों से खेली गई होली का आनंद देश-विदेश के कोने-कोने से आए श्रद्धालुओं ने लिया।

4 / 10
लट्ठमार होली खेलने से पहले कान्हा के सखा के रूप में पहुंचे नंदगांव के लड़के पीली पोखर पर आकर स्नान करते हैं और अपने सर पर पगड़ी बांध कर बरसाने की हुरियारिनों को होली के लिए आमंत्रित करते हैं।

5 / 10
कहा जाता है कि जब भगवान कृष्ण बरसाना में होली खेलने आए थे तो बरसाने वालों ने उन्हें इसी स्थान पर विश्राम कराया था और उनकी सेवा की थी।

6 / 10
तब से लेकर आज तक बरसाना की लट्ठमार होली से पहले इसी स्थान पर नंदगांव से आने वाले हुरियारे परंपराओं का निर्वहन करते चले आ रहे हैं।

7 / 10
हजारों सालों से चली आ रही इस परंपरा के तहत नंदगांव के लोग पीली पोखर पर आते हैं, जहां उनका स्वागत बरसाना के लोग ठंडाई और भांग से करते हैं।

8 / 10
इसके बाद वहां पहुंचे हुरियारे (लड़के) बरसाना की हुरियारिनों को होली के गीत गा कर रिझाते हैं। होली के गीत और गलियों के बाद नाच-गाना होता है और फिर लट्ठमार होली खेली जाती है।

9 / 10
बरसाना की हुरियारिनें नंदगांव के हुरियारों पर लाठियों से हमला करती हैं, नंदगांव के हुरियारे अपने साथ लाई ढाल से खुद का बचाव करते हैं।

10 / 10
इस होली को खेलने के लिए नंदगांव से बूढ़े, जवान और बच्चे भी आते हैं और राधा-कृष्ण के प्रेम रूपी भाव से सभी होली खेलते हैं।