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Best Mask for Delhi Air Pollution: दिल्ली की हवा इन दिनों इतनी जहरीली हो चुकी है कि बाहर निकलते ही आंखों में जलन और सांसों में भारीपन महसूस होने लगता है। AQI खतरनाक स्तर पर पहुंच चुका है, जहां सिर्फ मास्क पहनना काफी नहीं, बल्कि सही मास्क पहनना जरूरी हो गया है। ऐसे में सवाल यही है कि दिल्ली के इस भयंकर प्रदूषण में कौन-सा मास्क सच में सुरक्षा देता है। तो आइए जानते हैं दिल्ली के इस भारी प्रदूषण में कौन-सा होगा सही मास्क और इसे कैसे चुनें.

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1. N95 मास्क: दिल्ली के प्रदूषण में सबसे भरोसेमंद N95 मास्क हवा में मौजूद PM2.5 जैसे बेहद महीन कणों को 95% तक रोक सकता है. ट्रैफिक, स्मॉग और धुएं के बीच रोज सफर करने वालों के लिए यह सबसे सुरक्षित विकल्प माना जाता है. (Photo-Freepik)

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2. KN95 और FFP2 भी मजबूत विकल्प- KN95 और FFP2 मास्क भी लगभग N95 जैसी सुरक्षा देते हैं. सही फिट होने पर ये मास्क प्रदूषित हवा को अंदर जाने से काफी हद तक रोकते हैं और रोजमर्रा के इस्तेमाल के लिए ठीक रहते हैं. (Photo by Alyssa Stone)

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3. सर्जिकल मास्क क्यों नहीं हैं पर्याप्त- सर्जिकल मास्क ढीले होते हैं और किनारों से हवा अंदर आ जाती है. ये धूल से तो बचाते हैं, लेकिन दिल्ली के खतरनाक AQI में PM2.5 से पूरी सुरक्षा नहीं दे पाते. (Photo-Freepik)

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4. कपड़े के मास्क से रहें सावधान- क्लॉथ मास्क दिखने में अच्छे लग सकते हैं, लेकिन प्रदूषण के खिलाफ इनकी क्षमता बहुत सीमित होती है. हाई पॉल्यूशन वाले दिनों में ये फेफड़ों की सही सुरक्षा नहीं कर पाते. (Photo-freepik)

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5. अस्थमा और एलर्जी वालों के लिए N99 बेहतर- जिन लोगों को अस्थमा, एलर्जी या सांस की समस्या है, उनके लिए N99 मास्क ज्यादा फायदेमंद होता है. यह और भी महीन कणों को फिल्टर करता है.(Photo-novarlo)

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6. फिट सही न हो तो मास्क बेकार- महंगा मास्क भी तब बेकार हो जाता है जब वह चेहरे पर ठीक से फिट न हो. नाक और गाल के पास गैप रहने से प्रदूषित हवा अंदर चली जाती है. (Photo-Pexels)

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7. रोज पहनने वालों के लिए री-यूजेबल मास्क- ऑफिस जाने वाले या रोज बाहर निकलने वालों के लिए री-यूजेबल N95 मास्क किफायती और आरामदायक होते हैं. फिल्टर बदलकर इन्हें लंबे समय तक इस्तेमाल किया जा सकता है. (Photo-Socialmedia X)

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8. वाल्व वाले मास्क से क्यों बचें- वाल्व वाले मास्क सांस छोड़ते समय हवा को फिल्टर नहीं करते. प्रदूषण के लिहाज से ये पूरी सुरक्षा नहीं देते, इसलिए दिल्ली जैसी जगहों पर इन्हें अवॉयड करना बेहतर है. (Photo-freepik)