स्वास्थ्य के क्षेत्र में कई बड़ी उपलब्धियां
देश चिकित्सा विज्ञान में तेजी से बढ़ रहा है। एमआरएनए तकनीक से लेकर आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस, जेनोम सीक्वेंसिंग, नैनो तकनीक और यहां तक कि वर्चुअल रियलिटी का भी स्वास्थ्य के क्षेत्र में तेज़ी से प्रभाव बढ़ता हुआ दिखाई दे रहा है। केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री के मुताबिक, भारत मेडिकल डिवाइस के क्षेत्र में बड़ा हब बन रहा है, जिसकी मार्केट आने वाले समय में 50 बिलियन डॉलर तक पहुंच जाएगी जो फ़िलहाल 11 बिलियन डॉलर है। इसके साथ ही आयुर्वेद, योगा, यूनानी और होम्योपैथी ने भी तेज़ी से रफ़्तार पकड़ी है। आयुष मंत्रालय की शुरुआत 9 नवंबर, 2014 से हुई थी। इस योजना के तहत हर भारतीय को कम लागत में बेहतर उपचार दिया जाता है। कोरोना काल के समय आयुष कार्ड के ज़रिये कई लोगों को बहुत कम कीमत में इलाज उपलब्ध कराया गया।चिकित्सा सेवा में भारत की पहल
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बेशक़ कई शहरों में एम्स जैसे अस्पताल खोले जा रहे हैं, लेकिन कई क्षेत्रों में अस्पतालों की भारी कमी है और जहां हैं भी वहां उनकी हालत ठीक नहीं है। इसके साथ ही उपकरणों और संसाधनों में भी काफी कमी है। एक रिपोर्ट कहती है कि 19 एम्स में डॉक्टरों की 40 प्रतिशत और स्टाफ़ की 50 प्रतिशत की कमी है। इस लिहाज से मरीज़ और डॉक्टरों के अनुपात में काफ़ी अंतर है। यहां तक कि विश्व स्वास्थ्य संगठन के रेकमेंडेशन से काफी कम है। वहीं, एक रिपोर्ट ये भी कहती है कि भारत में 1000 लोगों पर केवल 9 बेड ही उपलब्ध हैं। इसके अलावा, 60 प्रतिशत मौत के लिए नॉन कम्यूनिकेबल डिजीस और डाइबिटीज़, कैंसर और हार्ट की समस्या जिम्मेदार है। इसके चलते समस्याएं और बढ़ रही हैं।पाकिस्तानी महिला ने गले में लपेटी ‘तिरंगा’ चुनरी, झंडा लेकर बोली- भारत माता की जय
आने वाले समय में स्वास्थ्य क्षेत्र की क्षमता
स्पेशल 26 से ममता पीएम की पहली उम्मीदवार, I.N.D.I.A वाले कैसे निगलेंगे?, भाजपा नेता का तंज
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स्वास्थ्य में सुधार से ही होगा लाइफस्टाइल में परिवर्तन
2050 तक भारत की स्थिति
राष्ट्रीय स्वास्थ्य नीति (एनएचपी) 2017 में कल्पना की गई कि 2050 तक भारत में जनसांख्यिकीय, महामारी विज्ञान और आर्थिक परिवर्तन होंगे। सर्जरी में रोबोटिक्स टेक्नोलॉजी, नेनो तकनीक, बायोटेक, एआई/एमएल जैसी टेक्नोलॉजी के ज़रिए भारत का हेल्थ सेक्टर काफी एडवांस हो जाएगा। ऐसे में अंदाजा लगाया जा रहा है कि भविष्य में इस टेक्नोलॉजी का नियमित रूप से और कम लागत में इस्तेमाल भी किया जाएगा। यानी हेल्थ फॉर ऑल की तरफ़ अग्रसर होंगे।---विज्ञापन---