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ब्लड प्रेशर को कंट्रोल करने में बेहद कारगर हैं दो योग, निरंतर करें तो कट जाएगा रोग

Yoga For Blood Pressure: योग बीपी को कंट्रोल करने में मदद कर सकता है। आपके लिए कुछ बेहतरीन योग बताने जा रहे हैं, जो बीपी को कंट्रोल करने के लिए आजमा सकते हैं। आइए जान लेते हैं कौन से योग से फायदा हो सकता है।

बीपी के लिए योग Image Credit: Freepik
Yoga For Blood Pressure: ब्लड प्रेशर की बीमारी आम बात हो गई है। खराब जीवनशैली और तनाव की वजह से लोग बीपी से ग्रस्त रहते हैं। आपको बता दें, केवल लाइफस्टाइल ही नहीं बल्कि किडनी की बीमारियां,उम्र, एक्सरसाइज न करना, जेनेटिक कारण, मोटापा और कई समस्याओं के कारण बीपी होने का चांस बढ़ जाता है। पहले तो केवल ये प्रॉब्लम बड़े-बुजुर्गो में पाई जाती थी, लेकिन अब बच्चों और युवाओं में भी बीपी से जुड़ी समस्याएं हो रही है। ऐसे में बीपी होने की वजह डाइट के साथ ही साथ लाइफस्टाइल भी चेंज करना जरूरी होता है। कुछ लोगों को ये तक पता ही नहीं है कि बीपी को योग के जरिए भी कम या कंट्रोल किया जा सकता है।

साधारण श्वास जागरूकता (Simple Breath Awareness)

इस अभ्यास को करने के लिए आराम से बैठें, अपनी आंखें बंद करें, जागरूक करें और देखें कि आपके शरीर का कोई भी हिस्सा जकड़ा हुआ नहीं है।
  • अपने पूरे शरीर को घुमाएं और आराम करें।
  • फिर सांसों लें और अपनी नाक के अंदर ले जाएं।
  • सांस लेने या छोड़ने की कोशिश न करें।
  • धीरे-धीरे सांस लेने और छोड़ने के साथ अपनी जरूरत के आधार पर चुपचाप ओम बोल सकते हैं।
  • इसका अभ्यास 3-5 मिनट तक करें।

उज्जायी प्राणायाम (Ujjayi Pranayama)

आपकी आर्टरी के दोनों तरफ गले के अंदर कैरोटिड साइनस होते हैं, जिससे ब्लड हार्ट से दिमाग तक बहता है। ये साइनस दिल की धड़कन, ब्लड फ्लो और दबाव को कंट्रोल करते हैं। जब भी बीपी में गिरावट या बढ़ोतरी होती है, तो ये कैरोटिड साइनस ब्रेन को हार्ट रेट और बीपी को बढ़ाने या घटाने का संदेश भेजते हैं। ब्रेन दिल की धड़कनों को बढ़ाकर या घटाकर और बीपी को कंट्रोल करने के लिए धमनियों को चौड़ा करके रिएक्ट करता है।
  • किसी भी ध्यान मुद्रा में बैठें या पीठ के सहारे कुर्सी पर आराम से बैठें।
  • अपने पूरे शरीर को आराम दें।
  • अपनी सांसों पर ध्यान दें। हर सांस अंदर लेने और छोड़ें।
  • फिर अपनी सांस को धीमा करें।
  • गले के क्षेत्र को इतना दबाएं कि कैरोटिड साइनस पर हल्का दबाव पड़े।
  • गले के क्षेत्र से सांस लेते रहें, जितना संभव हो ।
  • जब यह अभ्यास रात में किया जाता है, तो यह अनिद्रा के लिए अच्छा काम करता है।
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