कई सोसाइटियों में कुत्तों (Dogs) का आतंक तेजी से बढ़ रहा है। ग्रेटर नोएडा में डॉग्स ने 3 दिन में 5 लोगों को अपना शिकार बनाया है। गली के आवारा कुत्तों से लेकर घर के पालतू जानवर भी अक्सर हिंसक हो जाते हैं। पालतू डॉग्स के काटने की अनगिनत खबरें सामने आती हैं। मगर सवाल यह है कि आखिर ऐसी क्या वजह है, जिससे डॉग्स हिंसक हो जाते हैं, भौंकने लगते हैं और कई बार काट भी लेते हैं?
बॉडी लैंग्वेज
डॉग्स बॉडी लैंग्वेज को काफी अच्छी तरह से नोटिस करते हैं। अगर कोई शख्स कुत्तों की तरफ गुस्से से देखता है या जल्दी भागने की कोशिश करता है, तो डॉग्स उसे देखकर असहज महसूस करते हैं और उस पर भौंकना शुरू कर देते हैं। वहीं अगर कोई इंसान उन्हें प्यार से देखता है और उनके सामने आराम से गुजरता है, तो डॉग्स भी रिलैक्स महसूस करते हैं और उस पर नहीं भौंकते हैं।
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स्मैल से भी पड़ता है फर्क
डॉग्स का बिहेवियर स्मैल पर भी निर्भर करता है। हार्ड परफ्यूम से लेकर कैमिकल की स्मैल से भी डॉग्स बहुत जल्दी परेशान हो जाते हैं। यह खुशबू डॉग्स को बिल्कुल रास नहीं आती और इससे वो काफी असहज महसूस करते हैं। ऐसे में डॉग्स भौंकना शुरू कर देते हैं।
पुराने अनुभव
डॉग्स इंसानों के इमोशन्स को बखूबी भांप लेते हैं। ऐसे में अगर किसी शख्स का बर्ताव अच्छा नहीं है और उसकी स्मैल डॉग्स को नहीं पसंद, तो उसके प्रति डॉग्स का बर्ताव हमेशा असहज रहता है और कुत्ता दूर से ही उसे देखकर भौंकना शुरू कर देता है।
सावधानी का सिग्नल
घर और कॉलोनी के डॉग्स बॉडीगार्ड का भी काम करते हैं। ऐसे में अगर कोई अनजान शख्स घर या कॉलोनी में एंट्री करता है, तो डॉग्स भौंकना शुरू कर देते हैं। यह तरह का अलार्म या अलर्ट का सिग्नल होता है, जिसकी मदद से डॉग्स इंसानों को पहले ही आगाह कर देते हैं।
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