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शिक्षक बनने के लिए बीएड करें या बीटीसी, इस कोर्स से जल्दी मिलेगी सरकारी नौकरी

B.Ed Vs BTC : अगर कोई छात्र-छात्रा सरकारी स्कूलों में शिक्षक बनने का सपना देख रहे हैं तो आपके पास दो विकल्प हैं एक बीएड और दूसरी बीटीसी।

B.Ed Vs BTC : अगर आप शिक्षक बनने का सपना देख रहे तो आपके लिए सही रास्ता चुनना बेहद जरूरी है। सरकारी टीचर बनने के लिए आपके पास दो विकल्प हैं- पहला डिग्री कोर्स बीएड और दूसरा डिप्लोमा कोर्स बेसिक ट्रेनिंग सर्टिफिकेट (BTC) या उत्तर प्रदेश डिप्लोमा इन एलीमेंट्री एजुकेशन (UPDELED)। आपके लिए दोनों में से कौन कोर्स करना बेहतर है और किस कोर्स में जल्दी सरकारी नौकरी मिलने का मौका मिलेगा, आइये जानते हैं डिटेल्स में। बीएड बनाम बीटीसी मामले में सुप्रीम कोर्ट ने इसी साल 11 अगस्त को अपना फैसला सुनाया था। SC ने कहा कि प्राइमरी स्कूलों में टीचर के पदों के लिए बीटीसी करने वाले अभ्यर्थी ज्यादा योग्य हैं. इसके लिएसिर्फ बीटीसी या यूपीडीएलडी डिप्लोमा धारक ही पात्र हैं। अब भविष्य में प्राइमरी स्कूलों में होने वाली शिक्षकों की भर्ती में सिर्फ बीटीसी या यूपीडीएलडी डिप्लोमा योग्यताधारी अभ्यर्थी ही बैठ सकेंगे। यह भी पढ़ें :Government Jobs: 10वीं 12वीं पास हैं तो यहां मिल रही है अच्छी सैलरी वाली नौकरी, कहीं हाथ ने न निकल जाए मौका जानें बीएड करने के क्या हैं फायदे अगर आप सरकारी स्कूलों में उच्च लेवल का टीचर बनना चाहते हैं तो आपके लिए बीएड कोर्स करना काफी अच्छा रहेगा। बीएड 2 साल का डिग्री कोर्स है. इस कोर्स करने के लिए आपके पास मान्यता प्राप्त बोर्ड या विश्वविद्यालय से न्यूनतम योग्यता बीए, बीएससी या बीकॉम और अन्य स्नातक होनी चाहिए। साथ ही स्नातक में आपका 50 प्रतिशत अंक भी होना चाहिए. साथ ही अभ्यर्थी की उम्र 19 वर्ष या उससे अधिक होनी चाहिए। News24 अब WhatsApp पर भी, लेटेस्ट खबरों के लिए जुड़िए हमारे साथ अभ्यर्थी एक एंट्रेंस एग्जाम के जरिये बीएड कोर्स में दाखिला ले सकते हैं। अगर एंट्रेस एग्जाम में टॉप रैंक प्राप्त करने वाले छात्र-छात्राओं को पहले अवसर मिलता है और उन्हें मनपसंद कॉलेज भी मिल जाता है। दो साल का बीएड कोर्स करने के बाद आप सरकार स्कूलों और कॉलेज में शिक्षक बन सकते हैं। बीएड करने वाले अभ्यर्थी भले ही प्राथमिक विद्यालयों की भर्ती से बाहर हो गए हैं, लेकिन उनके पास अपर प्राइमरी टीचर 6वीं से 8वीं क्लास तक टीचर बनने का मौका है। TGT और PGT में बीएड योग्यताधारियों को मौका अगर आप राज्य स्तर में आयोजित होने वाली टीजीटी और पीजीटी परीक्षा में शामिल होना चाहते हैं तो इसके लिए भी बीएड जरूरी है। टीजीटी परीक्षा के लिए स्नातक और बीएड होना अनिवार्य है, जबकि पीजीटी के लिए परास्नातक और बीएड जरूरी है। अगर कोई बीएड धारक अभ्यर्थी टीजीटी परीक्षा पास कर लेता है तो उसे 6वीं से लेकर 10वीं तक के बच्चों को पढ़ाने को मौका मिलता है, जबकि पीजीटी पास उम्मीदवार 10वीं से 12वीं तक के छात्रों को पढ़ाते हैं। यह भी पढ़ें :IIT BHU में नौकरी का मौका, वेतन मिलेगा 1.67 लाख रुपये जानें बीटीसी करने के क्या हैं फायदे B.Ed Vs BTC मामले में सुप्रीम कोर्ट के आदेश आने के बाद बीटीसी अभ्यर्थियों के लिए प्राइमरी स्कूलों की भर्ती रिजर्व हो गई है। बीटीसी या यूपीडीएलडी डिप्लोमा कोर्स करने वाले अभ्यर्थी प्राइमरी स्कूलों में जल्द से जल्द शिक्षक बन सकते हैं। साथ ही बीटीसी करने वाले अभ्यर्थी अपर प्राइमरी में शिक्षक बन सकते हैं. डिप्लोमा कोर्स करने वाले अभ्यर्थियों को पहली से लेकर आठवीं तक के बच्चों को पढ़ाने का अवसर मिलता है। हालांकि, सबसे ज्यादा भर्ती प्राइमरी स्कूलों में निकली हैं, इसलिए बीटीसी करने वाले अभ्यर्थियों को जल्दी सरकारी टीचर्स बनने का मौका मिलता है।


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