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मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने महिलाओं की सुरक्षा के लिए उठाए बड़े कदम

सीएम योगी के नेतृत्व वाली सरकार ने 2017 से महिला सुरक्षा के लिए कई नीतियों को लागू किया है, जिनसे पूरे उत्तर प्रदेश में महिलाएं अधिक सुरक्षित और सशक्त हो रही है.

Author Edited By : Bhawna Dubey
Updated: Dec 6, 2025 16:58

मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के नेतृत्व वाली सरकार ने महिलाओं को सुरक्षित और सशक्त बनाने के लिए उत्तर प्रदेश में कई प्रोग्राम की शुरुआत की जिससे महिलाओं के लिए सुरक्षित वातावरण का निवारण हुआ, और राज्य सरकार ने उनको आर्थिक सहायता प्रदान की जो कि उनके लिए बहुत ही लाभकारी साबित हुए है.

मिशन शक्ति: महिलाओं की सुरक्षा और सशक्तिकरण

महिला सुरक्षा को लेकर, योगी सरकार ने मिशन शक्ति योजनाके अंतर्गत ‘वन स्टॉप सेंटर’लागू किया जिसके तहत हिंसा से पीड़ित महिलाओं को पांच दिन के लिए एक ही छत के नीचे, चिकित्सा सहायता, प्रबंधन सेवाएं, कानूनी सहायता और पुलिस सहायता प्रदान की जाती है.आज, राज्य के प्रत्येक जिले में वन-स्टॉप सेंटर सक्रिय हैं, जो महिलाओं मुसीबत में है उनके लिए सुरक्षित और सुलभ स्थान के रूप में खड़े हैं. इस योजना शुरू के होने के बाद से, इन केंद्रों ने लगभग 1.49 लाख महिलाओं को सहायता और मार्गदर्शन दिया गए हैं, उन्हें समय पर देखभाल और उनके सबसे कठिन क्षणों में उनको आश्वासन दिलाया है.

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रानी लक्ष्मीबाई बाल एवं महिला सम्मान निधि

सीएम योगी के विजन के तहत, योगी सरकार ने रानी लक्ष्मीबाई बाल एवं महिला सम्मान निधि जैसी योजनाओं को लागू किया है. इसके तहत महिलाओं की सुरक्षा में क्रांतिकारी बदलाव आने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई है. इससे पहले महिलाएं घोर अपराधों का शिकार हो रही थी. अब वह खुद को सुरक्षित महसूस कर रही है. महिलाओं और लड़कियों को चिकित्सा और आर्थिक सहायता प्रदान की जाती है. इससे उनको आर्थिक रूप से मदद मिलती है और वह आत्मनिर्भर हो रही है.

एंटी-रोमियो स्क्वॉड और पिंक पेट्रोलिंग से सार्वजनिक स्थानों पर सुरक्षा मजबूत

मुख्यमंत्री योगी सरकार ने एंटी-रोमियो स्क्वॉड के तहत महिलाओं और लड़कियों की छेड़छाड़ और उत्पीड़न से बचने के लिए इसको बनाया है. 181-महिला हेल्पलाइन भी शुरू की है, जिसका अहम उद्देश्य पूरे उत्तर प्रदेश में महिलाओं और लड़कियों को सुरक्षा प्रदान करना है.

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181 एक टोल-फ्री नंबर है जो महिलाओं की सहायता के लिए 24×7 उपलब्ध रहता है. मुश्किल घड़ी में मार्गदर्शन की आवश्यकता वाली महिलाएं और लड़कियां इस टोल-फ्री महिला हेल्पलाइन के माध्यम से सहायता प्राप्त कर सकती हैं. 2020-21 में, इस सेवा को लखनऊ स्थित 112 केंद्रीकृत कॉल सेंटर से जोड़ा गया. जब भी कोई महिला या लड़की मुसीबत में होगी तो इस हेल्पलाइन से संपर्क करके मदद ले सकती है, कॉल सेंटर के सलाहकार तुरंत उनको सहायता प्रदान करेंगे, जिससे वह सुरक्षित हो सकेंगी. इस हेल्पलाइन के माध्यम से , 5.57 लाख से अधिक महिलाओं को सहायता प्रदान की गयी है.

कानून व्यवस्था में सुधार

योगी सरकार ने महिलाओं के खिलाफ अपराधों पर जीरो-टॉलरेंस नीति अपनाई है. अपराधियों पर तुरंत कार्रवाई, फास्ट-ट्रैक ट्रायल और कठोर दंड की नीति से अपराध नियन्त्रण में सुधार दिखा है. इसके साथ ही सीसीटीवी नेटवर्क, आधुनिक मॉनिटरिंग सिस्टम और डिजिटल ट्रैकिंग से अपराध रोकथाम को तकनीकी मजबूती किया है.

इसके अलावा विभाग बाल विवाह, बाल श्रम, बाल भिक्षावृत्ति, बाल यौन शोषण सहित महिलाओं के विरुद्ध घरेलू हिंसा, दहेज प्रथा और कार्यस्थल पर महिलाओं के यौन उत्पीड़न जैसी हानिकारक प्रथाओं से निपटने वाले कानूनों के प्रभावी परिवर्तन को सुनिश्चित करने के लिए विभिन्न गतिविधियों और प्रशिक्षण सत्रों का आयोजन कर रही है. दहेज निषेध और बाल विवाह निषेध के लिए विशेष रूप से जिला स्तरीय अधिकारी नियुक्त किए गए हैं. इसके अतिरिक्त, कानून के तहत कार्यस्थल पर यौन उत्पीड़न को रोकने के लिए, जिलों में 10 या अधिक कर्मचारियों वाले सभी सरकारी और निजी/गैर-सरकारी कार्यालयों में आंतरिक शिकायत समितियां और स्थानीय शिकायत समितियां स्थापित की गई हैं.

पुलिस विभाग में महिलाओं की बढ़ती भागीदार

योगी सरकार ने पुलिस भर्ती में कम से कम 20% महिलाओं की भागीदारी को अनिवार्य कर दिया है. इससे पुलिस में महिला कर्मियों की संख्या में अधिक वृद्धि हुई है, जिससे महिलाओं की शिकायतों पर सकारात्मक और प्रभाव ढंग से जांच प्रक्रिया की जा सके.

योगी सरकार ने महिलाओं के लिए इन सभी नीतियों के माध्यम से उनमें सुरक्षा की भावना को मजबूत किया है उनको स्वभिमान के साथ आगे बढ़ने के लिए भी प्रेरित किया है.

First published on: Dec 06, 2025 04:58 PM

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