अडाणी ग्रीन एनर्जी ने एनर्जी इंटेलिजेंस की वार्षिक ग्लोबल टॉप 100 ग्रीन यूटिलिटीज रैंकिंग में शीर्ष स्थान हासिल कर लिया है. भारत के अडाणी ग्रुप की रिन्यूएबल एनर्जी कंपनी ने कम कार्बन पावर जनरेशन की ओर तेजी से बढ़ते बाजार-चालित बदलाव को दिखाया है. अडाणी ग्रुप के सीएफओ जुगेशिंदर (‘रॉबी’) सिंह ने एनर्जी इंटेलिजेंस को दिए एक्सक्लूसिव इंटरव्यू में कहा, “अब हमारे पास नीतिगत ढांचा और अर्थव्यवस्था दोनों काम कर रही हैं, इसलिए पूरी एनर्जी ट्रांजिशन अब आर्थिक धक्के से हो रही है. ग्रीन इलेक्ट्रॉन्स की सप्लाई में आर्थिक तर्क मौजूद है. यह जरूर होगा.”
यह रैंकिंग एनर्जी इंटेलिजेंस के लो-कार्बन एनर्जी सर्विस का हिस्सा है, जो कंपनियों के रिन्यूएबल पोर्टफोलियो और ग्रीनहाउस गैस उत्सर्जन पर आधारित है. टॉप 100 ग्रीन यूटिलिटीज दुनिया की 35% से ज्यादा क्षमता वाली लीडिंग पावर जनरेटर्स को कवर करती है. मुख्य निष्कर्षों में अडाणी ग्रीन एनर्जी का तीसरे से पहले स्थान पर उछाल शामिल है, जिसने 2024 की विनर चाइना नेशनल न्यूक्लियर कॉर्प को चौथे स्थान पर धकेल दिया. अडाणी भारत की दो टॉप 10 कंपनियों में से एक है और टॉप 100 में छह भारतीय फर्में हैं, जबकि 2011 की पहली रैंकिंग में सिर्फ एक थी.

टॉप 10 में एशिया का दबदबा साफ दिखा – 50% कंपनियां एशियाई हैं, जिसमें दो भारतीय और तीन चीनी शामिल. बाकी यूरोपीय हैं. रैंकिंग वाली जनरेटर्स के CO2 उत्सर्जन में पिछले साल 6% की गिरावट आई, जो 2023 के 9% से कम लेकिन पिछले दशक के 3-4% से ज्यादा है. 2011 से टॉप 100 कंपनियों की नॉन-हाइड्रो रिन्यूएबल्स 116 GW (4%) से बढ़कर 1,079 GW (29%) हो गईं. एनर्जी इंटेलिजेंस के मैनेजिंग एडिटर जेम्स कॉकेन ने कहा, “जैसे-जैसे दुनिया बिजली के युग में कदम रख रही है, पावर कंपनियां विंड और सोलर में निवेश कर रही हैं, जो सबसे सस्ता नया विकल्प है. एशिया ग्लोबल एनर्जी ट्रांजिशन की कमान संभाल रहा है, जो टॉप 100 की कंपनियों की बदलती संरचना से साफ है.”

रैंकिंग दुनिया भर के बड़े पावर जनरेटर्स में से 100 चुनी गईं, जिनकी ‘ग्रीननेस’ CO2 उत्सर्जन प्रति मेगावाट घंटा और रिन्यूएबल कैपेसिटी के आधार पर आंकी गई. यह देश या क्षेत्र के बजाय इंडिविजुअल कंपनियों की तुलना करती है, इंडस्ट्रलाइज्ड और इमर्जिंग मार्केट्स दोनों को. अडाणी का टॉप स्पॉट भारत की रिन्यूएबल क्रांति का प्रतीक बन गया है.










