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‘नारी शक्ति वंदन अधिनियम’ के पक्ष में सभी पार्टियां, लेकिन सबके अपने-अपने दावे, अपने-अपने तर्क

Nari Shakti Vandan Adhiniyam : महिला आरक्षण बिल (Women Reservation Bill) अब ‘नारी शक्ति वंदन अधिनियम’ के नाम से जाना जाएगा। महिला आरक्षण बिल का नाम, ‘नारी शक्ति वंदन अधिनियम’ रखा है। नाम मंगलवार को नए भवन में शिफ्ट हो गई। नई संसद में शिफ्ट होते ही सरकार ने संसद और विधानसभाओं में महिलाओं को […]

Nari Shakti Vandan Adhiniyam : महिला आरक्षण बिल (Women Reservation Bill) अब 'नारी शक्ति वंदन अधिनियम' के नाम से जाना जाएगा। महिला आरक्षण बिल का नाम, 'नारी शक्ति वंदन अधिनियम' रखा है। नाम मंगलवार को नए भवन में शिफ्ट हो गई। नई संसद में शिफ्ट होते ही सरकार ने संसद और विधानसभाओं में महिलाओं को एक तिहाई आरक्षण देने का बिल देश की सबसे बड़ी पंचायत में पेश कर दिया। केंद्री विधि और न्याय मंत्री (स्वतंत्र प्रभार) अर्जुनराम मेघवाल ने ससंद में संविधान का 128वां संशोधन विधेयक 2023 पेश किया। इस तरह महिला आरक्षण बिल नए संसद भवन में पेश होने वाला यह पहला बिल बन गया। संसद के विशेष सत्र के तीसरे दिन आज इस पर लोकसभा में 11:00 बजे से 6:00 बजे तक चर्चा होगी। इस दौरान बीजेपी की तरफ से स्मृति ईरानी और कांग्रेस की ओर से सोनिया गांधी मुख्य वक्ता होंगी। इसे मोदी सरकार का 2024 के चुनावी समर से पहले एक और मास्टर स्ट्रोक माना जा रहा है। पीएम मोदी ने कहा कि महिलाओं को सशक्त करने के लिए शायद भगवान ने मुझे चुना है। वहीं सोनिया गांधी ने दावा किया कि ये बिल हमारा है। ये बिल अपना है। वहीं अधीर रंजन चौधरी ने कहा कि महिला आरक्षण बिल कांग्रेस की सोच है। तो उमा भारती और खरगे ने बिल में की OBC कोटे की मांग। कुल मिलाकर महिला आरक्षण बिल पर श्रेय लेने की होड़ मची है। कांग्रेसियों का दावा है कि महिला आरक्षण बिल उनकी पार्टी का है। वहीं सत्तापक्ष को कांग्रेस का ये दावा नागवार गुजर रहा। इसपर लोकसभा में मंगलवार को हंगामा भी देखने को मिला। बीजेपी का कहना है कि लोकसभा और राज्य विधानसभाओं में महिलाओं को आरक्षण देने के लिए कांग्रेस गंभीर नहीं है। केंद्रीय गृहमंत्री अमिक शाह ने लोकसभा में कहा कि नारी शक्ति वंदन अधिनियम का पेश किया जाना प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी और उनकी सरकार की अटूट प्रतिबद्धता को दर्शाता है। इससे साथ ही गृह मंत्री सोशल साइट एक्स X पर ट्वीट कर कहा कि विपक्ष इस पचा नहीं पा रहा है। साथ ही उन्होंने कहा कि कांग्रेस दिखावे के अलावा कुछ नहीं कर रही है। वह महिला आरक्षण को लेकर कभी गंभीर नहीं रही है। वहीं केंद्रीय गृह राज्यमंत्री नित्यानंद राय ने कहा कि ‘नारी शक्ति वंदन अधिनयम विधेयक’ लोकसभा में पेश कर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की अगुवाई में भारत अमृतकाल का एक नए पड़ाव की तरफ बढ़ गया। साथ ही केन्द्रीय गृह राज्य मंत्री ने कहा कि महिला आरक्षण को लेकर कांग्रेस और उसके घमंडिया गठबंधन की कभी भी नीयत नहीं रही है। उन्होंने कहा कि जब-जब सदन में महिला आरक्षण विधेयक आया आरजेडी, जेडीयू, एसपी, एनसीपी जैसे दलों ने इसका विरोध है किया। बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश ने भी इस बिल का समर्थन किया है। नीतीश कुमार ने ट्वीट कर महिला आरक्षण के दायरे में एससी और एसटी की तरह पिछड़े और अति पिछड़े वर्ग की महिलाओं के लिए भी इसमें आरक्षण के प्रावधान की मांग की। राजस्थान के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने कहा कि जब से विपक्षी पार्टियों का महागठबंधन 'INDIA' बना है तब से केंद्र सरकार बौखला गई है। अब ये अफरातफरी में फैसले ले रहे हैं। सीएम गहलोत ने आगे कहा कि केंद्र सरकार के पास उनके पास बहुमत था। वो चाहति तो 9 साल पहले इस बिल का पास कर सकती थी। अब जनता उनको समझ चुकी है। समाजवादी पार्टी नेता रामगोपाल यादव उनकी पार्टी इस बिल का समर्थन करती है। लेकिन सदन में जिन्हें बहुमत हांसिल है वो OBC विरोधी है और इसीलिए वो इसमें OBC महिलाओं को आरक्षण नहीं रहे है। नेशनल कॉन्फ्रेंस उपाध्यक्ष उमर अब्दुल्ला ने भी इस बिल का समर्थन किया है कि उन्होंने कहा कि पार्टी महिला आरक्षण विधेयक के खिलाफ नहीं है और उनकी पार्टी के पास क्षमतावान महिला नेताओं की कमी भी नहीं है। एनसीपी की महिला इकाई अपनी लड़ाई में कोई कसर नहीं छोड़ती है। मोदी सरकार ने लोकसभा में महिला आरक्षण से जुड़ा जो बिल पेश किया उसे 'नारी शक्ति वंदन अधिनियम' का नाम दिया है। इस बिल में लोकसभा और विधानसभा में 33 फीसदी सीटें महिलाओं के लिए आरक्षित करने का प्रावधान है। इसका मतलब ये हुआ कि अब लोकसभा और विधानसभा में हर तीसरी सदस्य महिला होगी। फिलहाल लोकसभा में 82 महिला सदस्य हैं और अगर इस बिल ने कानून की शक्ल ले ली तो लोकसभा में महिला सदस्यों के लिए 181 सीटें रिजर्व हो जाएंगी। और पढ़िए – देश से जुड़ी अन्य बड़ी ख़बरें यहां पढ़ें


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