Woke Hospital banned babies born male or female: अस्पताल में बच्चा पैदा होने पर आपने अक्सर नर्स को यह कहते सुना होगा कि मुबारक हो आपको बेटा/बेटी हुई है। बच्चे के जन्म की खुशखबरी देने के लिए यह लाइनें काफी आम हो गई हैं। मगर एक अस्पताल ने अब ऐसा बोलने पर पाबंदी लगा दी है। अस्पताल प्रशासन ने पूरे स्टाफ के लिए नोटिस जारी किया है। अब अस्पताल का कोई भी कर्मचारी बच्चा पैदा होने पर यह लाइनें नहीं बोल सकेगा। आइए जानते हैं आखिर इसकी क्या वजह है?
LGBTQ+ समुदाय के लिए किया बदलाव
वोक अस्पताल ने यह कर्मचारियों के लिए यह अनोखा नोटिस जारी किया है। इसके अनुसार सभी बच्चा पैदा होने पर डॉक्टर्स और नर्सों को यह बताना होगा कि जन्म के समय उनके बच्चे को लड़का या लड़की घोषित किया जाता है। अस्पताल प्रशासन ने LGBTQ+ समुदाय को ध्यान में रखते हुए यह फैसला किया है।
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पहले भी हो चुकी है ऐसी पहल
वोक हॉस्पिटल पहला संस्थान नहीं है, जिसने यह फैसला लिया है। इससे पहले जेम्स पैजेट अस्पताल ने भी नोटिस जारी करते हुए लेडीज एंड जेंटलमैन बोलने पर पाबंदी लगाई थी। इसके अलावा किसी को फायरमैन और पुलिसमैन बोलने पर भी रोक लगाई गई थी। हालांकि कई लोगों ने पैजेट अस्पताल के इस फैसले की आलोचना की थी।
ऑनलाइन किताब बांटी गई
इस साल की शुरुआत में ऑफिस कर्मचारियों के लिए एक ऑनलाइन किताब तैयार की गई थी। LGBTQ+ समुदाय के सम्मान में यह ऑनलाइन किताब बांटी गई थी। अस्पताल के इस फैसले का जवाब भी इसी किताब में छिपा है। किताब के एक पन्ने पर लिखा है कि ‘आपको बेटा या बेटी हुई है’ जैसे शब्दों का इस्तेमाल नहीं करना चाहिए। इसकी जगह ‘जन्म के समय बच्चे को लड़का या लड़की घोषित’ करना ज्यादा सही होगा।
क्यों हुआ यह बदलाव?
दरअसल कई लोग जन्म के बाद अपना जेंडर बदलवा लेते हैं। इसके अलावा कुछ बच्चों के जन्म के कई सालों बाद पता चलता है कि वो बच्चा LGBTQ+ समुदाय से आता है। इस स्थिति में बच्चे के लिए बर्थ सर्टिफिकेट बदलवाना मुश्किल हो जाता है। उदाहरण के लिए मैक्स नामक एक लड़के को जन्म के समय लड़का बताया गया था। मगर हाई स्कूल में उसने अपना जेंडर चेंज करवा लिया था।
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