कौन हैं DMK सांसद सेंथिल कुमार, जिन्होंने संसद में गौमूत्र वाले बयान पर मांगी माफी
DMK Leader Senthil kumar On Controversial Statement : देश के तीन राज्य मध्य प्रदेश, छत्तीसगढ़ और राजस्थान में भारतीय जनता पार्टी ने बंपर जीत हासिल की है। इस जीत के बाद विपक्षी नेताओं की भी प्रतिक्रियाएं सामने आ रही हैं। इसे लेकर किसी ने अपनी हार स्वीकार कर ली है तो किसी ने अपनी पार्टी की मेहनत की तारीफ की है। इस बीच डीएमके सांसद सेंथिल कुमार ने मंगलवार को संसद में बड़ा बयान देकर राजनीति में खलबली मचा दी है। आइये जानते हैं कि कौन हैं सेंथिल कुमार और क्या है विवादित बयान?
डीएमके सांसद सेंथिल ने अपने बयान से देश को उत्तर और दक्षिण में विभाजित करने का प्रयास किया है। उन्होंने हिंदी भाषी राज्यों को गौमूत्र कहकर संबोधित किया है। इसके बाद सभी राजनीतिक पार्टियों ने उनके इस बयान की निंदा की है। इंडिया गठबंधन ने उनके बयान से पल्ला झाड़ लिया है, जबकि भारतीय जनता पार्टी पलटवार कर रही है। कांग्रेस ने इस बयान की आलोचना की है।
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सेंथिल कुमार ने संसद में मांगी माफी
संसद के शीतकालीन सत्र में डीएमके सासंद सेंथिल कुमार ने अपने गौमूत्र वाले बयान खेद व्यक्त करते हुए माफी मांग ली है। उन्होंने कल अनजाने में मेरे बयान से संसद के सदस्यों और लोगों की भावनाओं को ठेस पहुंची है। इसका मुझे अफसोस है और मैं अपने शब्दों को हटाने का अनुरोध करता हूं।
जानें क्या बोले सेंथिल कुमार
सांसद सेंथिल कुमार ने संसद में कहा कि देशवासियों को सोचना चाहिए कि मुख्य रूप से हिंदी भाषी राज्यों में ही चुनाव जीतना भाजपा की क्यों शक्ति है, जिन्हें हम गौमूत्र राज्य के नाम से भी जानते हैं। आपलोगों ने दक्षिण राज्य केरल, कर्नाटक, आंध्र प्रदेश, तमिलनाडु के चुनाव का परिणाम देखा है, जहां भारतीय जनता पार्टी जीत नहीं पाती है। इन राज्यों में हमारी पकड़ काफी मजबूत है और आप यहां कदम भी नहीं रख सकते हैं। हालांकि, उन्होंने शाम को एक्स (पहले ट्विटर) पर पोस्ट कर माफी मांग ली है।
कौन हैं डीएमके सांसद सेंथिलकुमार
डीएमके ने लोकसभा चुनाव 2019 में सेंथिल कुमार को टिकट दिया था और उन्होंने जीत दर्ज की थी। सेंथिल कुमार का विवादों से पुराना रिश्ता है, इससे पहले वे विवादित बयान दे चुके हैं। उन्होंने पहले भी गौमूत्र शब्द का प्रयोग किया था. उन्होंने एक कार्यक्रम में राष्ट्रीय शिक्षा नीति पर अपने विचार व्यक्त करते हुए गौमूत्र का प्रयोग किया था। वहीं, उन्होंने साल 2022 में सरकारी योजनाओं के उद्घाटन या शिलान्यास में हिंदू अनुष्ठान पर सवाल उठाए थे। उनका तर्क था कि लोगों का धर्म हो सकता है, लेकिन सरकार का कोई भी धर्म नहीं है। उन्होंने चीफ इंजीनियर को फटकारते हुए कहा था कि आपको किसी भी सरकारी कार्यक्रम में ऐसे धार्मिक कार्यक्रम यानी हिंदू पूजा पाठ कराने की अनुमति नहीं है।
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