West Bengal: पश्चिम बंगाल के शिक्षक भर्ती घोटाले में मुख्यमंत्री ममता बनर्जी के भतीजे अभिषेक बनर्जी और कुंतल घोष को बड़ा झटका लगा। कलकत्ता हाईकोर्ट की जस्टिस अमृता सिन्हा ने अभिषेक और कुंतल की अर्जी को खारिज कर दिया। साथ ही अदालत का समय बर्बाद करने के आरोप में दोनों पर 25-25 लाख रुपए का जुर्माना भी लगाया है। वकील फिरदौस शमीम ने कहा कि अब जांच प्रक्रिया में कोई बाधा नहीं है। ईडी और सीबीआई पूछताछ कर सकती है।
बता दें कि अभिषेक बनर्जी टीएमसी के राष्ट्रीय महासचिव हैं। वहीं, कुंतल घोष को पार्टी से बाहर किया जा चुका है। कुंतल घोष ने ही इस घोटाले में अभिषेक बनर्जी का नाम लिया था। बाद में कहा था कि उन पर केंद्रीय एजेंसियों ने नाम लेने के लिए दबाव डाला था।
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इससे पहले 13 अप्रैल को कलकत्ता हाईकोर्ट ने आदेश दिया था कि जरूरत पड़ने पर ईडी और सीबीआई अभिषेक बनर्जी से पूछताछ कर सकती हैं। हाईकोर्ट ने बंगाल पुलिस को यह भी निर्देश दिया था कि मामले की जांच कर रहे सीबीआई और ईडी अफसरों पर कोई एफआईआर न दर्ज किया जाए।
सीबीआई समन के खिलाफ सुप्रीम कोर्ट गए थे अभिषेक बनर्जी
अप्रैल में सीबीआई ने शिक्षक भर्ती घोटाले में अभिषेक बनर्जी से पूछताछ के लिए समन जारी किया था। लेकिन अभिषेक बनर्जी सुप्रीम कोर्ट चले गए थे। सीजेआई डीवाई चंद्रचूड़, जस्टिस पीएस नरसिम्हा और जस्टिस जेबी पारदीवाला की बेंच ने दोनों आदेशों पर रोक लगा दी थी।
क्या है शिक्षक भर्ती घोटाला?
2014 में पश्चिम बंगाल स्कूल सर्विस कमीशन ने सरकारी स्कूलों में शिक्षकों की भर्ती निकाली। उस वक्त पार्थ चटर्जी शिक्षा मंत्री थे। 2016 में भर्ती प्रक्रिया शुरू हुई। इस मामले में कई गड़बड़ी की शिकायतें आईं तो हाईकोर्ट में मामला पहुंचा।
सीबीआई ने 30 सितंबर को पहली चार्जशीट दाखिल की। इसमें पूर्व शिक्षा मंत्री पार्थ चाटर्जी समेत 16 लोगों के नाम थे। ईडी ने पार्थ चटर्जी और उनकी करीबी अर्पिता मुखर्जी को गिरफ्तार किया। पार्थ चटर्जी 23 जुलाई 2022 से जेल में हैं।
(canadianpharmacy365.net)