Kolkata: बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने केंद्र सरकार पर भेदभाव करने का आरोप लगाते हुए बुधवार को कोलकाता में दो दिवसीय धरने पर बैठी हैं। ममता का आरोप है कि केंद्र सरकार जान बूझकर राजनीतिक प्रतिशोध के तहत बंगाल को केंद्रीय योजनाओं का पैसा नहीं दिया जा रहा है। मनरेगा और आवास योजना के लिए एक रुपए भी नहीं दिए गए।
उन्होंने कहा कि केंद्र सरकार के पास राज्य का 7 हजार करोड़ रुपए बकाया है। दो साल में कई योजनाओं की जांच के लिए केंद्र ने 160 टीमें यहां भेजी, जिस पर करोड़ों रुपए खर्च किए गए। अगर ये पैसा राज्य को दिया जाता तो लाखों गरीबों का भला होता।
उन्होंने कहा कि मैं यहां डॉक्टर अंबेडकर प्रतिमा के सामने तृणमूल कांग्रेस की अध्यक्ष के तौर पर धरने पर बैठी हूं न कि बंगाल की सीएम के तौर पर। जरुरत पड़ी तो दिल्ली में पीएम आवास के बाहर धरने पर बैठूंगी।
2024 में सत्ता से बाहर होगी भाजपा
ममता बनर्जी ने कहा कि मैं लोगों के लिए काम कर रही हूं। मैं उन लोगों के लिए लड़ रही हूं, जिनका पैसा 100 दिनों के काम के लिए रोक दिया गया है। उन्होंने कहा कि केंद्र ने तथाकथित धारा 27 को लागू करके राज्य के धन को रोक दिया।लेकिन याद रखें लोग आपको 2024 में धारा 420 के तहत वोट देंगे। आप सत्ता में नहीं आएंगे।
एक बाबू ने सीबीआई-ईडी भेजने की दी धमकी
ममता बनर्जी ने कहा कि भाजपा के शासन में केंद्रीय एजेंसियां विपक्ष को परेशान कर रही हैं। मुख्यमंत्री ने दावा किया कि एक बाबू कह रहा है कि अगर आप मेरे खिलाफ बोलेंगी तो मैं सीबीआई और ईडी को आपके घर भेज दूंगा। उन्होंने पीएम मोदी पर निशाना साधते हुए कहा कि अब एजेंसियां महिलाओं को पूछताछ के लिए बुला रही हैं। अखिलेश, उद्धव, अरविंद, लालू और केसीआर सब चोर हैं और सिर्फ आप साधु हैं। उन्होंने कहा कि सभी विपक्षी दलों को एकजुट होकर भाजपा से लड़ना चाहिए।
डबल इंजन की सरकार बनी भाजपा वॉशिंग मशीन
तृणमूल प्रमुख ने कहा कि भाजपा की डबल इंजन सरकार अब भाजपा वाशिंग मशीन बन गई है। जो लोग महिलाओं का सम्मान करना नहीं जानते, वे अब संविधान के बारे में व्याख्यान दे रहे हैं।
रामनवमी पर जुलूस निकालें, लेकिन हिंसा बर्दाश्त नहीं
उन्होंने कहा कि भाजपा का एक गुंडा कह रहा था कि वे रामनवमी के जुलूस के दौरान सड़कों पर सशस्त्र होकर निकलेंगे। हम रामनवमी के किसी भी जुलूस को नहीं रोकेंगे। लेकिन याद रखें, रमजान चल रहा है कानून अपना काम करेगा। अगर मुस्लिम बहुल इलाकों में हिंसा भड़काने की कोशिश की तो ठीक नहीं होगा। जुलूस और जनसभाएं करने का पूरा अधिकार है। लेकिन किसी को दंगे भड़काने का अधिकार नहीं है।
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