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Wayanad Landslide: क्या थी वायनाड हादसे के पीछे की वजह? पर्यावरण मंंत्री ने किया खुलासा

wayanad landslide latest news update: केरल के वायनाड में हुए दर्दनाक हादसे के पीछे आखिर क्या वजह थी? ये सवाल पिछले 8 दिन से सबको परेशान कर रहा है। पर्यावरण मंत्री भूपेंद्र यादव ने इस पर बड़ा बयान दिया है।

वायनाड हादसे में 300 से ज्यादा लोगों की मौत हो गई है।
Wayanad Landslide Environment Minister Bhupendra Yadav: पिछले मंगलवार यानी 29 जुलाई की देर रात केरल के वायनाड में तबाही का सैलाब आया और कई परिवारों को उजाड़ गया। आज इस हादसे को 8 दिन हो चुके हैं। 180 लोग अभी भी लापता हैं। एक हफ्ते के रेस्क्यू ऑपरेशन में 387 लाशें निकलीं, जिसमें 180 लोगों की अभी तक पहचान नहीं हो सकी है। हादसे के बाद सभी की जुबां पर बस एक ही सवाल था कि आखिर इसके पीछे की क्या वजह थी? केंद्रीय पर्यावरण मंत्री भूपेंद्र यादव ने इस पर चुप्पी तोड़ी है।

पर्यावरण मंत्री ने गिनाए कारण

पर्यावरण मंत्री का कहना है कि अवैध खनन, अनियंत्रित निर्माण और बढ़ती कमर्शियल एक्टिविटीज इस हादसे का मुख्य कारण हो सकती हैं। केंद्र की तरफ से पिछले साल 4 लेन रोड वाली सुरंग को हरी झंडी मिली थी। उसके बाद केंद्र सरकार ने वायनाड में किसी भी तरह के विकास कार्य को मंजूरी नहीं दी है। इस सुरंग का उद्देश्य कोझिकोड और वायनाड को आपस में जोड़ना था। हालांकि इस प्रोजेक्ट का काम अभी तक शुरू नहीं हुआ है। यह भी पढ़ें- कौन हैं नोबेल पुरस्कार विजेता मोहम्मद यूनुस, जो बन सकते हैं बांग्लादेश के अंतरिम प्रधानमंत्री

अंधाधुंध विकास 

केंद्रीय मंत्री भूपेंद्र यादव के अनुसार किसी भी परियोजना को मंजूरी देने के लिए टोपोग्राफी और भू-आकृति की जांच करना जरूरी होता है। पिछले 10 सालों से राज्य सरकार ने इन चीजों पर ध्यान दिए बिना ही विकास कार्यों को बढ़ावा दिया है। यही वजह है कि भारी बारिश में सबकुछ तबाह हो गया और ये भंयकर आपदा देखने को मिली।

3 साल में 3 खादानों के खनन को मिली मंजूरी

पर्यावरण अधिकारियों की मानें तो पिछले तीन साल में केरल सरकार ने तीन खादानों के खनन को मंजूरी दी है, इसमें एक ग्रेनाइट की खादान भी शामिल है। तीन दिन की मूसलाधार बारिश के बाद 30 जुलाई को वायनाड में लगातार 2 भूस्ख्लन देखने को मिले, जिसने कई लोगों की जान ले ली।

कमेटी की रिपोर्ट हुई नजरअंदाज

केंद्र सरकार द्वारा गठित गडगिल कमेटी और कस्तूरीरंगन कमेटी ने पश्चिमी घाट के कई इलाकों को संवेदनशील करार दिया था। हालांकि कमेटी के सुझाव भी विकास की भेंट चढ़ गए और नतीजा केरल लैंडस्लाइड के रूप में सबके सामने हैं। यह भी पढ़ें- Bangladesh Political Crisis: राजनीति में नहीं लौटेंगी शेख हसीना! बेटे ने गिनाए कारण, ढाका छोड़ने की ये रही वजह


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