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Video: हाथ नहीं, नाक से टाइप करता है ये शख्स; तीसरी बार तोड़ा खुद का गिनीज वर्ल्ड रिकॉर्ड

Indian Break Guinness Book World Record: भारतीय शख्स विनोद कुमार चौधरी ने टाइपिंग स्पीड के मामले में अपना ही रिकॉर्ड तीसरी बार तोड़ दिया है। इससे पहले विनोद कुमार गिनिज बुक में दो बार ये कारनामा कर चुके थे। नॉर्मली टाइपिंग स्पीड एक मिनट में 40 शब्द मानी जाती है। लेकिन विनोद इससे कहीं आगे निकल गए हैं।

विनोद ने तीसरी बार तोड़ा खुद का रिकॉर्ड।
Vinod Kumar Chaudhary: भारत में टाइपिंग को लेकर हैरान कर देने वाला मामला चर्चा में है। आमतौर पर माना जाता है कि कोई शख्स 40 शब्द प्रति मिनट में टाइप कर सकता है। लेकिन एक भारतीय शख्स विनोद कुमार चौधरी ने टाइपिंग के मामले में अपना ही रिकॉर्ड ब्रेक किया है। इससे पहले वे दो बार गिनिज बुक ऑफ वर्ल्ड रिकॉर्ड्स में जगह बना चुके हैं। 44 साल के शख्स ने तीसरी बार खुद का रिकॉर्ड तोड़ा है। खास बात जानकार आपको हैरानी होगी। ये भारतीय शख्स हाथ से नहीं, बल्कि नाक से टाइपिंग करता है। नाक से इसकी टाइपिंग स्पीड का वीडियो भी सोशल मीडिया पर वायरल हो रहा है। यह भी पढ़ें:मेटा ने खालिस्तान के फर्जी फेसबुक, इंस्टाग्राम अकाउंट हटाए; चीन से हो रही थी माहौल खराब करने की कोशिश इससे पहले विनोद कुमार चौधरी का नाम दो बार गिनीज बुक ऑफ वर्ल्ड रिकॉर्ड्स में दर्ज हो चुका है। अब फिर से वे तीसरी बार अपना रिकॉर्ड तोड़कर नाम दर्ज करवा चुके हैं। गिनीज वर्ल्ड रिकॉर्ड (जीडब्ल्यूआर) के अनुसार 44 साल के शख्स ने तीनों बार एक ही कैटेगरी में कमाल कर दिखाया है। पहली बार 2023 में खिताब जीता था। तब 27.80 सेकेंड में नाक से टाइपिंग की थी। इसके बाद उसी साल दूसरी बार 26.73 सेकेंड में टाइपिंग कर फिर से ये उपलब्धि हासिल की। अब चौधरी ने फिर 25.66 सेकेंड में ये कारनामा कर अपना रिकॉर्ड तीसरी बार ध्वस्त किया है।

एक्स पर वीडियो शेयर कर रखी अपनी बात

जीडब्ल्यूआर की ओर से एक वीडियो भी एक्स पर शेयर किया गया है। वीडियो में देखा जा सकता है कि विनोद चौधरी नाक से अंग्रेजी अक्षरों को टाइप कर रहे हैं। जीडब्ल्यूआर ने नीचे कमेंट किया है कि आप अपनी नाक से (खाली स्थान के साथ) कितनी तेजी से वर्णमाला टाइप कर सकते हैं? अपने ही बनाए गए रिकॉर्ड को तोड़ने के लिए 44 साल के शख्स को एक मानक क्वर्टी कीबोर्ड पर रोमन वर्णमाला टाइप करनी थी। हर अक्षर के बीच में एक गैप भी दिया जाना था। जीडब्ल्यूआर से टाइपिंग को लेकर अपना व्यू भी विनोद कुमार ने रखा है। उन्होंने कहा कि मेरा हमेशा से पेशा टाइपिंग ही रहा है। मुझे जुनून को जिंदा रखने का शौक था। जिसके बाद ही मैंने सोचा कि क्यों ने रिकॉर्ड बनाया जाए।


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