US Deports Indian: अमेरिका से भारत लौटे अवैध प्रवासियों को हथकड़ियों और जंजीरों में बांधकर भेजा गया। हवाई अड्डे पर जब लोग यह नजारा देख रहे थे, तो सवाल उठने लगे क्या यह सही तरीका था? क्या इसे मानवीय तरीके से नहीं किया जा सकता था? विपक्षी दलों ने इस पर कड़ी आपत्ति जताई, जबकि सरकार ने इसे एक पुरानी प्रक्रिया बताया। लेकिन असली सवाल यह है कि आखिर अमेरिकी कानून क्या कहता है? क्या वाकई सभी देशों के प्रवासियों के साथ ऐसा ही होता है? इस पूरी प्रक्रिया के पीछे के नियम और सच्चाई को समझना बेहद जरूरी हो गया है।
अमेरिका से भारत लौटे अवैध प्रवासी
अमेरिका में अवैध प्रवासियों को वापस भेजने की प्रक्रिया को लेकर एक बड़ा विवाद खड़ा हो गया है। हाल ही में अमेरिका से भारत लौटे 104 प्रवासियों को हथकड़ी और जंजीरों में बांधकर भेजा गया, जिससे सवाल उठने लगे कि क्या यह अमानवीय व्यवहार है। इस मुद्दे पर विदेश मंत्री एस जयशंकर ने संसद में बताया कि यह कोई नई प्रक्रिया नहीं है और यह कई वर्षों से चली आ रही है। उन्होंने यह भी कहा कि महिलाओं और बच्चों को कभी नहीं बांधा जाता। हालांकि, विपक्षी दलों ने इस पर कड़ी आपत्ति जताते हुए इसे भारतीयों के साथ गलत व्यवहार बताया है।
First photo of illegal Indian citizen deported from US Soil by US Government. pic.twitter.com/kZrUmdeqol
— Aditya Singh (@Beingadiisingh) February 4, 2025
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अमेरिका में अवैध प्रवासियों को निर्वासित करने की प्रक्रिया
अमेरिकी कानून के मुताबिक, अवैध प्रवासियों को डिटेंशन सेंटर में रखा जाता है और जब उन्हें निर्वासित किया जाता है, तो सुरक्षा कारणों से फ्लाइट में हाथ, कमर और पैरों को जंजीरों से बांध दिया जाता है। यह नियम 2012 से लागू है और इसमें बदलाव नहीं किया गया है। डिटेंशन फ्लाइट्स में यात्रियों को केवल 18 किलोग्राम तक का चेक्ड बैग ले जाने की अनुमति होती है और ट्रांजिट के दौरान उन्हें भोजन भी दिया जाता है। सुरक्षा को ध्यान में रखते हुए, इन फ्लाइट्स में मेडिकल स्टाफ और सुरक्षा गार्ड्स भी मौजूद होते हैं।
भारत में इस मुद्दे पर बढ़ा विवाद
इस मामले पर भारत में राजनीतिक बहस जारी है। विपक्ष ने सरकार से इस मुद्दे पर सख्त रुख अपनाने की मांग की है और इसे भारतीयों के सम्मान के खिलाफ बताया है। हालांकि, अमेरिकी प्रशासन का कहना है कि यह उनकी तयशुदा प्रक्रिया है, जो सभी देशों के अवैध प्रवासियों के लिए समान रूप से लागू होती है। अब यह देखना होगा कि इस पर आगे क्या कदम उठाए जाते हैं और क्या इस प्रक्रिया में कोई बदलाव होगा या नहीं।