What Happen Will Now With Illegal Indians: अमेरिका से निकाले गए 104 लोगों का अब आगे क्या होगा? अमेरिका के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने अपने देश में अवैध प्रवास पर रोक लगाने के लिए एक आदेश जारी किया। उन्होंने अमेरिका में अवैध तरीके से रह रहे दूसरे देशों के लोगों को उनके वतन वापस भेजने का आदेश दे दिया है। अमेरिकी सेना का C-17 एयरक्राफ्ट बुधवार को 104 भारतीयों को लेकर पंजाब में अमृतसर स्थित श्री गुरु रामदास इंटरनेशनल एयरपोर्ट पर लैंड हुआ।
अमेरिका ने 205 भारतीयों को डिपोर्ट करने के लिए सेलेक्ट किया है। इनमें से 186 भारतीयों की सूची सामने आई थी, लेकिन इनमें से 104 भारतीय ही वतन लौटे हैं। इनमें पंजाब के 30, हरियाणा के 33, गुजरात के 33, महाराष्ट्र के 3, चंडीगढ़ के 2 और उत्तर प्रदेश के 2 लोग शामिल हैं। सभी अपने-अपने घर पहुंच गए हैं और इन्होंने मीडिया से बात करते हुए अपनी आपबीती और अमेरिका के हालात बयां किए।
#Breaking: The US begins deportation of 18,000 illegal Indian immigrants as part of a crackdown on unlawful migration. A C-17 Military Aircraft carrying 205 deportees has already left #Texas. India confirms coordination for returnees. meanwhile India’s #SupremeCourt👇#Deportion pic.twitter.com/ZUPnmdz2AC
---विज्ञापन---— The Desert Guy (@the_desert_Guy) February 4, 2025
राज्यसभा में विदेश मंत्री ने दिया था जवाब
इंडिया टूडे की रिपोर्ट के अमेरिका की डोनाल्ड ट्रंप सरकार ने कहा है कि अवैध प्रवासियों की पहचान की जाएगी और उन्हें निर्वासित किया जाएगा, जबकि भारतीय विदेश मंत्री एस जयशंकर ने संसद में कहा कि अवैध प्रवासियों का निर्वासन नहीं बात नहीं है। पहले भी ऐसा होता रहा है और निर्वासन नियमों-पॉलिसी के अनुसार ही हो रहा है। भारत सरकार डोनाल्ड ट्रंप सरकार के साथ बातचीत कर रही है, ताकि यह सुनिश्चित किया जा सके कि निर्वासित भारतीय प्रवासियों के साथ सम्मान के साथ व्यवहार किया जाए और उनके साथ दुर्व्यवहार न हो।
विदेश मंत्रालय ने राज्यसभा में पूछे गए एक सवाल के जवाब में कहा था कि अवैध प्रवास/मानव तस्करी की शिकायतें मिलती हैं तो ऐसे मामलों को भारतीय न्याय संहिता (BNS) और पंजाब सरकार द्वारा लागू किए गए पंजाब मानव तस्करी रोकथाम अधिनियम 2012 सहित अन्य कानूनों के प्रावधानों के तहत जांच और कार्रवाई के लिए राज्य पुलिस को भेजा जाता है। गृह मंत्रालय (MHA) और राज्य पुलिस अधिकारियों के साथ मिलकर अवैध एजेंटों के खिलाफ कार्रवाई की जाती है। हाल ही में गृह मंत्रालय और पंजाब पुलिस ने एजेंटों के खिलाफ 38 FIR दर्ज की थीं।
US releases video of shackled Indians, says committed to swift removals
Know more 🔗 https://t.co/Q1wvbvRmp5 #USDeportation #IndianImmigrants #IllegalImmigrants #US pic.twitter.com/sAm7vo3dH4
— The Times Of India (@timesofindia) February 7, 2025
निर्वासित भारतीयों के साथ क्या हो सकता है?
रिपोर्ट के अनुसार, वरिष्ठ अधिवक्ता और दिल्ली बार काउंसिल के अध्यक्ष के.के. मनन कहते हैं कि अमेरिका से निर्वासित लोगों पर भारत में कोई कानूनी कार्रवाई नहीं की जाएगी, जब तक उनके दस्तावेज फर्जी नहीं मिलते। अगर किसी ने नकली पासपोर्ट या फर्जी दस्तावेज इस्तेमाल किया है या किसी और के पासपोर्ट में अपनी तस्वीर लगाई है या ‘डुंकी’ रूट के लिए पासपोर्ट पर अपना नाम/जन्मतिथि या अन्य विवरण बदला है तो उन्हें पासपोर्ट अधिनियम के तहत कानूनी कार्रवाई का सामना करना पड़ सकता है। निर्वासित अवैध अप्रवासियों को अमेरिका और अन्य देशों में जाने के लिए वीजा मिलने की संभावना कम हो जाएगी। प्रवासियों को अवैध तरीके से भेजने वाले ट्रैवल एजेंटों पर मुकदमा चलाया जा सकता है।
कैप्टन अमरिंदर सिंह सरकार में पंजाब के पूर्व महाधिवक्ता वरिष्ठ अधिवक्ता रहे अतुल नंदा ने कहा कि इस बात की संभावना बहुत कम है कि यह लोग फर्जी कागजात बनाने में शामिल रहे होंगे, क्योंकि ज्यादातर प्रवासी पूर्ण शिक्षित नहीं हैं और गरीब परिवारों से हैं। भारत से अवैध अप्रवासियों के निर्वासन से संबंधित मुद्दों पर काम करने वाले अधिवक्ता कमलेश मिश्रा ने बताया कि निर्वासित प्रवासियों पर तब तक कोई मुकदमा नहीं चलाया जा सकता, जब तक कि उन्हें मेजबान देश में किसी अपराध के लिए दोषी नहीं ठहराया गया हो या वे भारत में किसी पासपोर्ट धोखाधड़ी में शामिल न हों। उन्हें उनके देश वापस भेज दिया गया है। उनसे ज्यादा से ज्यादा यह पूछा जा सकता है कि देश छोड़ने के लिए उनके पास जो दस्तावेज हैं, वे सही हैं या नहीं।
EAM Dr S Jaishankar spoke in Lok Sabha on Indian citizens deported from the US.#News #ITVideo #India #UnitedStates #Deportion @AishPaliwal pic.twitter.com/FPvUIrfKmY
— IndiaToday (@IndiaToday) February 6, 2025
क्या वे हमारे पास वापस आ सकते हैं?
वकील इस बात पर सहमत हैं कि जिन लोगों को अवैध आप्रवासी के रूप में निर्वासित किया गया है, वे वापस नहीं जा सकेंगे। जब भी वीजा फॉर्म भरते हैं तो एक कॉलम होता है, जिसमें पूछा जाता है कि क्या आपको निर्वासित किया गया है? एक बार निर्वासन का कलंक लग जाने पर ज्यादातर देश वीजा नहीं देंगे। विशेष रूप से अमेरिका, कनाडा, ऑस्ट्रेलिया, ब्रिटेन, शेंगेन (यूरोपीय) ऐसे किसी भी व्यक्ति को वीजा नहीं देंगे, जिसे अवैध अप्रवासी के रूप में निर्वासित किया गया हो। अमेरिकी दूतावास की वेबसाइट के अनुसार, किसी व्यक्ति को निर्वासित या हटाया गया हो तो परिस्थितियों के आधार पर उसे 10 साल तक के वीजे के लिए दोबारा आवेदन करने से प्रतिबंधित किया जा सकता है।
कुछ मामलों में इस अयोग्यता की छूट उपलब्ध हो सकती है। जिन ‘अवैध विदेशियों’ को निर्वासित किया गया है, वे कम से कम 5 वर्षों तक वीजा के लिए आवेदन नहीं कर सकते हैं। उन ट्रैवल एजेंटों पर कार्रवाई होनी चाहिए, जिन्होंने लाखों रुपये लेकर उन्हें अवैध तरीके से भेजा है। अवैध अप्रवासियों को निर्वासित करना हर देश का अधिकार है। जिन लोगों को कानूनी कार्रवाई का सामना करना चाहिए, वे लोग हैं जो उन्हें अवैध रूप से वहां भेजने में सहायक थे। इस बात की गहन जांच होनी चाहिए कि उन्हें विदेश भेजने वाले लोग कौन हैं और उन्हें कैसे भेजा गया, किस रास्ते से भेजा गया। ‘डंकी’ सिस्टम नाम की कोई चीज होती है। पिछले 10 सालों में कितने ट्रैवल एजेंट पकड़े गए या कितने दोषी पाए गए?