Hathras Stampede Update: उत्तर प्रदेश के हाथरस में मची भगदड़ के कारण 25 महिलाओं समेत 130 से अधिक लोगों को अपनी जान गंवानी पड़ी है। रतिभानपुरा में भोले बाबा के सत्संग के समापन मौके पर भगदड़ की घटना हुई है। इससे पहले भी तीर्थ स्थलों पर भगदड़ की घटनाएं सामने आ चुकी हैं। साल 2022 के पहले ही दिन कटरा के वैष्णों देवी माता मंदिर में भगदड़ की घटना हुई थी। मंदिर के गेट नंबर 3 के पास मची भगदड़ में 12 लोगों की मौत हो गई थी। वहीं, 16 लोग घायल हुए थे। हादसे पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी, गृह मंत्री अमित शाह और राहुल गांधी समेत कई नेताओं ने शोक जताया था।
कुंभ मेले में मारे गए थे 800 से अधिक लोग
आजाद भारत में पहली बार 3 फरवरी 1954 को बड़ा हादसा हुआ था। आजादी के बाद पहली बार 1954 में कुंभ मेले का आयोजन इलाहाबाद (वर्तमान में प्रयागराज) में किया गया था। लेकिन मौनी अमावस्या के दिन मची भगदड़ में 800 से अधिक जानें चली गई थीं। 200 लोगों का सुराग नहीं लग सका था। घटना में 2 हजार लोग घायल हुए थे।
महाराष्ट्र के सतारा जिले में भी 25 जनवरी 2005 मंधारदेवी मंदिर में ऐसा ही मामला सामने आया था। 340 लोगों की मौत भगदड़ के कारण हुई थी। लोग नारियल तोड़ने के लिए सीढ़ियों पर चढ़े थे। लेकिन फिसलकर नीचे गिर गए। राजस्थान के जोधपुर में 30 सितंबर 2008 को बम विस्फोट की अफवाह चामुंडा देवी मंदिर में फैली थी। जिसके कारण एकदम भगदड़ मच गई और 250 लोग मारे गए। 60 से अधिक लोग घायल हुए थे।
हिमाचल प्रदेश के नैना देवी मंदिर भी 3 अगस्त 2008 को हादसा हुआ था। बारिश के कारण लैंडस्लाइड हुई थी। लोगों में बचने के लिए भगदड़ मच गई। जिसके कारण 146 लोगों की मौत हो गई थी। यूपी के प्रतापगढ़ जिले में कृपालु महाराज के राम जानकी मंदिर में भी 4 मार्च 2010 को भगदड़ मच गई थी। जिसके कारण 63 लोगों की मौत हो गई थी। लोग मुफ्त भोजन और कपड़े लेने के लिए आए थे। मृतकों में अधिकतर महिलाएं थीं।
तमिलनाडु में हादसे के बाद सरकार ने दी थी मदद
इससे पहले तमिलनाडु के त्रिची स्थित करुप्पासामी मंदिर में 2019 में भगदड़ की घटना हुई थी। जिसमें 7 लोगों की जान चली गई थी। 10 लोग गंभीर रूप से घायल हुए थे। पीएम मोदी ने सरकार की तरफ से मृतकों के परिजनों को 2-2 लाख और घायलों को 50-50 हजार की आर्थिक मदद दी गई थी। चित्रा पूर्णिमा की रात मंदिर में पूजा के लिए आए लोगों में भगदड़ मच गई थी।
यह भी पढ़ें:मोनू चवन्नी कौन? एक लाख का इनामी, शहाबुद्दीन के लिए कर चुका काम; जौनपुर एनकाउंटर में हुआ ढेर
दक्षिण भारत के केरल स्थित सबरीमाला मंदिर में भी 2017 में भगदड़ का मामला सामने आया था। 25 लोग घायल हुए थे। हादसे के बाद मंदिर में प्रवेश के लिए कड़े नियम लागू किए गए थे। 41 दिवसीय मंडला पूजा के समापन से एक दिन पहले भगदड़ की घटना सामने आई थी। मंडला पूजा में लोगों की भारी भीड़ मौजूद थी। भगवान अयप्पा द्वारा पहने गए आभूषणों को लेकर पवित्र थंगा अंगी जुलूस ने मंदिर में प्रवेश किया था। जिसके दर्शनों के लिए लोगों में आपाधापी के बाद भगदड़ मच गई थी।
हिमाचल प्रदेश में गई थी 145 लोगों की जान
बिहार के मुजफ्फरपुर में स्थित गरीबनाथ मंदिर में भी 13 अगस्त 2018 को भगदड़ मची थी। जिसके कारण 15 लोगों की मौत हुई थी। भगवान भोले शंकर के मंदिर में श्रावण मास के तीसरे सोमवार को भारी भीड़ दर्शनों के लिए जुटी थी। जल चढ़ाते समय लोगों में भगदड़ मच गई। वहीं, बिहार के लखिसराय स्थित अशोक धाम मंदिर में भी 12 अगस्त 2019 को ऐसी ही घटना हुई थी। जिसमें एक व्यक्ति की जान चली गई थी। इस मंदिर को इंद्रदेवन्स्वर महादेव मंदिर भी कहा जाता है। 11 फरवरी 1993 को मंदिर का उद्घाटन हुआ था। हिमाचल प्रदेश के बिलासपुर में स्थित उत्तर भारत की प्रसिद्ध शक्तिपीठ श्रीनयना देवी में भी ऐसी घटना हो चुकी है। 2008 में यहां 145 लोगों की जान चली गई थी।