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रोहिंग्या और बांग्लादेशी नागरिकों के इस तरह बन रहे आधार कार्ड, UP ATS ने किया बड़ा खुलासा

Fake Aadhar Card: रोहिंग्या और बांग्लादेशी नागरिकों के फर्जी आधार कार्ड बनाने वाले गैंग का UP ATS ने खुलासा किया है। पुलिस के अनुसार ये गैंग कई राज्यों में फर्जी आधार बना रहा था। गैंग के 8 मेंबर अरेस्ट किए गए हैं।

यूपी एटीएस ने फेक आधार कार्ड बनाने वाले गैंग का खुलासा किया है। Credit-News24 GFX

Fake Aadhar Card: यूपी एटीएस ने बड़ा खुलासा किया है। पुलिस ने ऐसे गिरोह के 8 सदस्यों को पकड़ा है, जो फर्जी तरीके से विदेशी नागरिकों के आधार कार्ड बना रहे थे। पुलिस अधिकारियों के अनुसार, इन लोगों ने आधार में जीपीएस और मैक नंबर को बायपास करने के लिए एक एप का इस्तेमाल किया। गैंग ने यूपी, उत्तराखंड, एनसीआर, राजस्थान, महाराष्ट्र, पश्चिम बंगाल समेत कई राज्यों में फर्जी आधार कार्ड बनाए। जिन नागरिकों के आधार बनाए उनमें रोहिंग्या और बांग्लादेशी नागरिक शामिल थे। 

उत्तर प्रदेश के अतिरिक्त पुलिस महानिदेशक (ADG), कानून व्यवस्था, अमिताभ यश ने बताया कि गैंग के सदस्यों ने आधार सेंटर्स से काम के बारे में बेसिक जानकारी और डेटा जुटाया। इसके बाद जीपीएस और मैक नंबर को बायपास करने के लिए एक विशेष एप का इस्तेमाल किया। इसके बाद फेक ऑथराइजेशन क्रिएट किए। ये फिंगरप्रिंट और आईरिस स्कैन के लिए जरूरी है। इस तरह उन्होंने पूरे सिस्टम को बायपास कर कई राज्यों में अपने गिरोह को संचालित किया।

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आधार केंद्रों पर किया काम

ये आधार कार्ड भारत में अवैध रूप से रह रहे विदेशी नागरिकों, विशेष रूप से रोहिंग्या, बांग्लादेशी और अन्य अपात्र व्यक्तियों के बनाए गए। अमिताभ यश के अनुसार, ये जानकारी सामने आई कि गिरोह के लोगों ने आधार केंद्रों पर काम करके इसके प्रॉसेस के बारे में पूरी जानकारी जुटाई। इसके बाद गिरोह के दलालों ने ऐसे लोगों से संपर्क करना शुरू कर दिया जिनके पास भारतीय दस्तावेज नहीं थे। इसके आधार पर जन्म प्रमाण पत्र, निवास प्रमाण पत्र, शपथ पत्र इत्यादि तैयार किए गए।

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एडीजी के अनुसार, 2023 के बाद 18 वर्ष से ऊपर के लोगों का आधार बनना निषेधित हो गया था। इसके लिए इन लोगों ने 18 वर्ष से कम आयु दिखाने के लिए फर्जी प्रमाण पत्र तैयार किए। इसके बाद डमी यूजर बनाकर ऑथराइजेशन किया। सिस्टम आईडी का दुरुपयोग भी किया गया।

2000 से लेकर 40 हजार तक की वसूली

एडीजी के अनुसार, इन लोगों ने फर्जी आधार बनाने के लिए 2000 रुपये से लेकर 40 हजार रुपये तक की वसूली की। इन फर्जी आधारों का उपयोग फर्जी पासपोर्ट बनवाने और सरकारी योजनाओं का लाभ लेने के लिए किया जा रहा था। क्या वोटर कार्ड भी बनाए गए? इस सवाल के जवाब में एडीजी ने कहा कि वोटर कार्ड नहीं बनाए गए। गिरोह से इलेक्ट्रॉनिक डिवाइस, फिंगरप्रिंट स्कैनर समेत प्रशासनिक अधिकारियों की फर्जी स्टैम्प बरामद किए गए हैं। इसी के साथ पहले से बने हुए आधार कार्ड भी मिले हैं। गिरोह के सरगना समेत 8 लोगों को गिरफ्तार किया है। इनकी पुलिस रिमांड ली गई है।

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