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‘इतिहास में टीपू सुल्तान बहुत ही…’, विवादित पहलुओं पर जयशंकर का बड़ा बयान

S Jaishankar Statement On Tipu Sultan History : विदेश मंत्री एस जयशंकर ने टीपू सुल्तान को लेकर बड़ा बयान दिया। उन्होंने कहा कि इतिहासकारों ने टीपू सुल्तान को इतिहास में जटिल व्यक्ति के रूप में पेश किया और उनके विवादित पहलुओं पर ध्यान नहीं दिया।

S Jaishankar Statement On Tipu Sultan History : दिल्ली में इंडियन हैबिटेट सेंटर में हुए भारतीय इतिहासकार विक्रम संपत की पुस्तक 'टीपू सुल्तान: द सागा ऑफ द मैसूर इंटररेग्नम' के विमोचन कार्यक्रम में विदेश मंत्री एस जयशंकर ने बड़ा बयान दिया। उन्होंने टीपू सुल्तान पर टिप्पणी करते हुए कहा कि इतिहास में वे एक बहुत ही जटिल शख्सियत हैं। इतिहासकारों ने टीपू सुल्तान के शासन के विवादित पहलुओं पर फोकस नहीं किया। एस जयशंकर ने विमोचन कार्यक्रम में कहा कि वास्तव में टीपू सुल्तान इतिहास में एक बहुत ही पेचीदा व्यक्ति हैं। एक तरफ उन्हें एक प्रमुख व्यक्ति के रूप में प्रतिष्ठा प्राप्त है, जिन्होंने भारत पर ब्रिटिश औपनिवेशिक नियंत्रण का विरोध किया और दूसरी तरफ यह भी तथ्य है कि उनकी हार और मृत्यु को भारत के भाग्य के लिए एक महत्वपूर्ण मोड़ माना जा सकता है। यह भी पढ़ें : ‘ईरान-इजरायल युद्ध पर भारत की पैनी नजर’; जानें विदेश मंत्री जयशंकर प्रेस कॉन्फ्रेंस में क्या-क्या बोले? टीपू सुल्तान की अंग्रेजों से लड़ाई पर ज्यादा फोकस : जयशंकर एस जयशंकर ने इस बात पर भी जोर दिया कि भारतीय इतिहास में टीपू सुल्तान की अंग्रेजों के साथ लड़ाई पर अधिक फोकस किया गया और उनके शासन के विवादों को नजरअंदाज किया गया है। मैसूर क्षेत्र में आज भी टीपू सुल्तान को लेकर बहुत अच्छी धारणा नहीं है। उन्होंने आगे कहा कि निश्चित रूप से समकालीन इतिहास लेखन राष्ट्रीय स्तर पर पूर्व पर ध्यान केंद्रित करता है और बाद वाले को कम करके आंका जाता है या फिर अनदेखा किया जाता है। ईमानदारी से कहें तो यह कोई दुर्घटना नहीं थी। चुन-चुनकर तथ्यों को पेश किया गया : विदेश मंत्री विदेश मंत्री ने इतिहास को जटिल बताते हुए कहा कि टीपू सुल्तान के मामले में तथ्यों को चुन-चुनकर पेश करने से एक राजनीतिक आख्यान को बढ़ावा मिला है। उन्होंने कहा कि सभी समाजों में इतिहास जटिल होता है और राजनीति तथ्यों को चुन-चुनकर पेश करती है। टीपू सुल्तान के मामले में भी यही हुआ है। पिछले कई सालों में अधिक जटिल वास्तविकता को दरकिनार करते हुए टीपू-अंग्रेजों के बीच द्वंद्व को उजागर करके एक स्पेशल नैरेटिव को आगे बढ़ाया गया है। यह भी पढ़ें : शहबाज शरीफ से एस जयशंकर की मुलाकात, पाकिस्तान के पीएम ने आगे बढ़कर मिलाया हाथ पिछले 10 सालों में आए बदलाव : जयशंकर उन्होंने आगे कहा कि प्रधानमंत्री मोदी की सरकार के तहत भारत में अल्टरनेटिव व्यू पॉइंट का उदय हुआ है। पिछले 10 सालों में राजनीतिक व्यवस्था में आए बदलावों के कारण अल्टरनेटिव व्यू पॉइंट यानी वैकल्पिक दृष्टिकोण सामने आए हैं। जयशंकर ने कहा कि वे टीपू सुल्तान पर इस पुस्तक में दी गई जानकारी और अंतर्दृष्टि से प्रभावित हुए।


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