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‘भारत-पाकिस्तान अंतरराष्ट्रीय सीमा का 93 प्रतिशत से अधिक हिस्सा…’, देश की सीमाओं पर घुसपैठ की स्थिति को लेकर केंद्र ने लोकसभा में दी जानकारी

देश की सीमाओं पर घुसपैठ की स्थिति और सुरक्षा तैयारियों को लेकर केंद्र सरकार ने लोकसभा में विस्तृत जानकारी दी है. गृह मंत्रालय ने बताया कि भारत-पाकिस्तान अंतरराष्ट्रीय सीमा का 93 प्रतिशत से अधिक हिस्सा फिजिकल फेंसिंग से सुरक्षित कर लिया गया है, जबकि भारत-बांग्लादेश सीमा पर करीब 21 प्रतिशत हिस्सा अब भी बिना बाड़ का है. यह जानकारी लोकसभा में पूछे गए एक सवाल के लिखित जवाब में दी गई.

देश की सीमाओं पर घुसपैठ की स्थिति और सुरक्षा तैयारियों को लेकर केंद्र सरकार ने लोकसभा में विस्तृत जानकारी दी है. गृह मंत्रालय ने बताया कि भारत-पाकिस्तान अंतरराष्ट्रीय सीमा का 93 प्रतिशत से अधिक हिस्सा फिजिकल फेंसिंग से सुरक्षित कर लिया गया है, जबकि भारत-बांग्लादेश सीमा पर करीब 21 प्रतिशत हिस्सा अब भी बिना बाड़ का है. यह जानकारी लोकसभा में पूछे गए एक सवाल के लिखित जवाब में दी गई.

गृह राज्य मंत्री नित्यानंद राय ने बताया कि भारत-पाकिस्तान सीमा की कुल लंबाई 2,289.66 किलोमीटर है. जिसमें से 2,135.13 किलोमीटर यानी 93.25 प्रतिशत हिस्से पर फेंसिंग पूरी हो चुकी है. शेष 154.52 किलोमीटर यानी 6.75 प्रतिशत हिस्सा अब भी बिना बाड़ का है.

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वहीं, भारत-बांग्लादेश सीमा की कुल लंबाई 4,096.70 किलोमीटर है जिसमें से 3,239.92 किलोमीटर (79.08 प्रतिशत) पर फेंसिंग की जा चुकी है, जबकि 856.78 किलोमीटर यानी 20.92 प्रतिशत हिस्सा अभी अनफेंस्ड है.

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सरकार ने यह भी बताया कि भारत-म्यांमार सीमा की कुल लंबाई 1,643 किलोमीटर है जहां अब तक 9.214 किलोमीटर क्षेत्र में फिजिकल फेंसिंग का काम पूरा किया जा चुका है. भारत-चीन सीमा पर घुसपैठ के किसी भी मामले की रिपोर्ट नहीं है.

घुसपैठ की घटनाओं के आंकड़ों पर सरकार ने बताया कि वर्ष 2014 से 2024 के बीच सबसे अधिक घुसपैठ के मामले भारत-बांग्लादेश सीमा पर दर्ज किए गए. 2024 में इस सीमा पर 977 घुसपैठ के प्रयास पकड़े गए. वहीं भारत-पाकिस्तान सीमा पर 2024 में 41 भारत-म्यांमार सीमा पर 37 और भारत-नेपाल व भूटान सीमा पर 23 मामले सामने आए.

चालू वर्ष 2025 में जनवरी से नवंबर तक के आंकड़ों के अनुसार, भारत-बांग्लादेश सीमा पर हर महीने बड़ी संख्या में घुसपैठ के प्रयास दर्ज किए गए. मार्च-जुलाई और सितंबर के महीनों में 120 से अधिक मामलों का पता चला. भारत-पाकिस्तान सीमा पर इस दौरान घुसपैठ के प्रयास सीमित संख्या में दर्ज हुए, जबकि भारत-चीन सीमा पर कोई मामला सामने नहीं आया.

गृह मंत्रालय ने घुसपैठ के मामलों में गिरफ्तारियों की संख्या भी संसद में बताया है. वर्ष 2024 में भारत-बांग्लादेश सीमा पर 2,525 लोगों को गिरफ्तार किया गया, जबकि भारत-म्यांमार सीमा पर 441 भारत-पाकिस्तान सीमा पर 45 और भारत-नेपाल-भूटान सीमा पर 27 लोगों को पकड़ा गया.

2025 में जनवरी से नवंबर के बीच भारत-बांग्लादेश सीमा पर हर महीने सैकड़ों घुसपैठिए गिरफ्तार किए गए. अक्टूबर 2025 में अकेले 380 लोगों की गिरफ्तारी हुई. भारत-पाकिस्तान और भारत-म्यांमार सीमा पर भी गिरफ्तारियां दर्ज की गईं, जबकि भारत-चीन सीमा पर किसी घुसपैठिए की गिरफ्तारी नहीं हुई.

सरकार ने कहा कि सीमा सुरक्षा को और मजबूत करने के लिए फेंसिंग-निगरानी तंत्र और सुरक्षा बलों की तैनाती को लगातार सुदृढ़ किया जा रहा है, ताकि घुसपैठ पर प्रभावी नियंत्रण रखा जा सके.


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